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अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य सेन को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अर्जुन अवॉर्ड से किया सम्मानित, उत्तराखंड के लिए गौरव के क्षण

  • Awaaz24x7 Team
  • November 30, 2022
Almora resident Lakshya Sen honored with Arjuna Award by President Draupadi Murmu, moment of pride for Uttarakhand


दिल्ली :राष्ट्रपति भवन में महामहिम द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरित किया। शटलर लक्ष्य सेन को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है। यह अवार्ड मिलने से लक्ष्य के गृहक्षेत्र अल्मोड़ा के क्षेत्रवासियों में हर्ष व्याप्त है। लक्ष्य ने अपना यह अवार्ड कच्ची उम्र में बैडमिंटन हाथ में थमाने वाले दादा सीएल सेन को समर्पित किया है। सीएम धामी ने भी लक्ष्य को इस उपलब्धि पर ट्विटर पर बधाई दी है। इसके अलावा मुक्केबाजी कोच मोहम्मद अली क़मर को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया गया है। द्रौपदी मुर्मू ने पैरा शूटिंग कोच सुमा सिद्धार्थ शिरूर और कुश्ती कोच सुजीत मान को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया है।


छह साल की उम्र से खेलने लगे थे बैडमिंटन
छह वर्ष की उम्र में मैदान पर उतर बैडमिंटन पकड़ने वाले लक्ष्य सेन को उनके दादा सीएल सेन ने ही बैडमिंटन की एबीसीडी से रूबरू कराया था। इसके बाद पिता की शागिर्दिगी में पूरी दुनिया में लक्ष्य ने जो नाम कमाया, उसे बताने की जरूरत नहीं। यह लक्ष्य की कामयाबी ही है कि आज देश के अर्जुन बन गए हैं। लक्ष्य ने जिला, राज्य के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम किए। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पैठ जमाई। बुधवार को लक्ष्य को जब राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड दिया तो लक्ष्य ने इसे बैडमिंटन हाथ में थमाने वाले दादा को समर्पित कर दिया।

दादा भी थे बेहतरीन शटलर
16 अगस्त 2001 को अल्मोड़ा में जन्मे शटलर लक्ष्य सेन मूलरूप से जिले के सोमेश्वर के ग्राम रस्यारा निवासी हैं। 80 वर्षों से अधिक समय से उनका परिवार अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में रहता हैं। उनके दादाजी सीएल सेन जिला परिसर में नौकरी करते थे। दादा ने सर्विसेस में राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहीं कई खिताब अपने नाम किए। जबकि पिता डीके सेन भी वर्तमान में कोच हैं।

बता दें कि मूलरूप से सोमेश्वर के ग्राम रस्यारा गांव निवासी जिला अल्मोड़ा में जन्मे शटलर लक्ष्य सेन का परिवार करीब 80 सार्लं से अधिक समय से अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में रहता हैं। उनके दादाजी सीएल सेन जिला परिसर में नौकरी करते थे। दादा ने सर्विसेस में राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। उनके पिता डीके सेन भी वर्तमान में कोच हैं। हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन बैडमिंटन के एकल मुकाबले के फाइनल में लक्ष्य सेन ने मलयेशिया के त्जे यंग को तीन गेम तक चले मुकाबले में एक के मुकाबले दो सेट से शिकस्त देकर स्वर्णिम कामयाबी हासिल की थी। सीएम धामी ने भी उन्हें इसके लिए बधाई दी थी।


 


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