अयोध्या: श्री राम आर्ष गुरुकुल विद्यापीठ संस्थान का भूमिपूजन! महामंडलेश्वर बाबा महादेव बोले- समाज को जोड़ता है सनातन
अयोध्या। अयोध्या के ग्राम किनौली, टांडिया में श्री राम आर्ष गुरुकुल विद्यापीठ संस्थान का भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि अन्तर्राष्ट्रीय महामंडलेश्वर बाबा महादेव उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि गुरुकुल की स्थापना एक महान कार्य है जिसको वर्षों तक याद किया जाएगा। गुरुकुल की स्थापना से ही विद्यार्थियों का सृजन होगा और उनके सृजन से ही भारत का उत्थान होगा। कहा कि सनातन हमेशा समाज को जोड़ता है। आजकल युवाओं में चरित्रहीनता बढ़ती जा रही है और वे नशे की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। इसका कारण संस्कार में कमी आना है। अंग्रेजी शिक्षा ने भारत की शिक्षा पद्धति को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। हमारी शिक्षा पद्धति से पढ़ा व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं जाता, वह हमेशा मानवता का रक्षक होता है। उन्होंने कहा कि संस्कार में कमी के कारण आज प्राचीन भारत की सभी संस्थाएं कमजोर पड़ती जा रही हैं। लोगों को संस्कारवान कैसे बनाया जाए, इसका समाधान हमारे वेदों, ग्रंथों और उपनिषदों में पहले से ही बताया गया है। हमारे आदर्श प्रभु श्री राम हैं जो हमें सिखाते हैं कि माता-पिता की आज्ञा मानो, वैभव का त्याग कर दो, किंतु अपने शस्त्र और शास्त्र दोनों का त्याग कभी मत करो। इनका त्याग करने से धर्म की रक्षा नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राम मंदिर के निर्माण और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी गुरुकुल से निकले विद्यार्थी ही करेंगे जो शस्त्र और शास्त्र दोनों में पूर्ण रुप से पारंगत होंगे। गुरुकुल के प्रबंधक एवं क्रांतिकारी राष्ट्र चिंतक और कथा व्यास पंडित सतीश चंद्र शास्त्री ने बताया कि एक समय पूरे भारतवर्ष में साढ़े सात लाख गुरुकुल थे, लेकिन अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के कारण आज लगभग समाप्त हो गए हैं। लोग धनोपार्जन तो कर रहे हैं लेकिन जीवन को कैसे जीना है इसको लेकर वे जागरूक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत माता की दो संताने हैं एक बेटा और एक बेटी। बेटे का नाम संस्कार है और बेटी का नाम संस्कृति। गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे संस्कारी बनकर निकलेंगे और अपनी संस्कृति की रक्षा करेंगे। कहा कि वर्तमान में सम्पूर्ण भारतवर्ष में पश्चिमी सभ्यता हावी होती जा रही है, युवा गलत रास्तों पर चलकर अपना जीवन नष्ट कर रहा है। इसका समाधान गुरुकुल शिक्षा पद्धति से ही सम्भव है। शास्त्री ने कहा गुरुकुल के माध्यम से हमें अखंड भारत के निर्माण का लक्ष्य पूरा करना है जो पूर्व में ईरान से लेकर म्यांमार तक फैला हुआ था। गुरुकुल से अब्दुल कलाम जैसे विद्यार्थी निकलेंगे, जो समय आने पर देश के लिए मिसाइल का निर्माण कर सकेंगे। गुरुकुल के शिष्य भविष्य में भारत का नाम फिर से पूरे विश्व में गौरवान्वित करेंगे। यह अवध क्षेत्र का पहला गुरुकुल होगा, जहां पर वेद और विज्ञान दोनों की शिक्षा साथ-साथ दी जाएगी। गुरुकुल का पूरा परिसर एक एकड़ में फैला हुआ है, जहां दो हज़ार से अधिक विद्यार्थी एक साथ अध्ययन कर सकते हैं। इस अवसर पर समाजसेवी पंकज तिवारी, ब्रह्म प्रसाद दुबे और लक्ष्मीकांत के साथ सैकड़ों की संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।