बिग ब्रेकिंग नैनीताल:आवाज़ इंडिया की पहल पर झील विकास प्राधिकरण का चला हंटर, ध्वस्त होगा ग्रीन बेल्ट में नैनी रिट्रीट का अवैध निर्माण
आवाज़24x7इंडिया की खबर का बड़ा असर हुआ है। आज नैनीताल शहर के ग्रीन बेल्ट में भारी निर्माण पर प्राधिकरण को सील लगाने के बाद अब ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए है। इस अवैध निर्माण कार्य के मामले सभासद मनोज साह जगाती ने आवाज़ इंडिया की टीम से बात की जिसके बाद आवाज़ इंडिया ने ये खबर प्रमुखता के साथ लगातार उठायी जिसके बाद प्राधिकरण ने नैनी रिट्रीट होटल के समीप होटल की बन रही पार्किंग को ध्वस्त करने के आदेश जारी किये है। आदेश में लिखा है कि उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम 1975 की धारा 27(1) कारण बताओ नोटिस होटल परिसर में सड़क किनारे आरसीसी कॉलम काट कर निर्माण कार्य पर जारी किया गया था,ये स्थल वनाच्छादित क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसमे किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य अनुमन्य नही है। उक्त वाद में 18 जनवरी नियत करते हुए विपक्षी(होटल) को उपस्थित होने के लिए सूचित किया गया था परंतु नियत तिथि तक न तो विपक्षी उपस्थित हुए न ही विपक्षी द्वारा कोई लिखित रूप से कोई कथन प्रस्तुत किया गया।इस वनाच्छादित क्षेत्र में मानचित्र भी स्वीकृत नही किया जा सकता है इसीलिए यहां होटल द्वारा किये जा रहे अवैध निर्माण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण के अतिरिक्त कोई विकल्प नही है। विपक्षी को एक सप्ताह के भीतर उक्त निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के आदेश दिए गए है अन्यथा प्राधिकरण द्वारा उक्त निर्माण कार्य को ध्वस्त किया जायेगा।
ये मामला आवाज़24x7 इंडिया ने प्रमुखता से उठाया था,जिसके बाद आवाज़ संवाददाता को होटल से फ़ोन करके कॉफ़ी और लंच पर आमंत्रित करने का (लालच) दिया गया परंतु निष्पक्ष पत्रकारिता करते हुए और शहर को बचाने की मुहिम में लगातार बने रहने पर आवाज़ संवाददाताओं ने मामले में एमडी कुमाऊं मंडल विकास निगम नरेंद्र भंडारी, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत,सचिव झील विकास प्राधिकरण को लगातार ग्रीन बेल्ट में हो रहे भारी निर्माण कार्य से अवगत करवाया जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए उक्त निर्माण कार्य पर रोक लगवाई और ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए।
आपको बता दें कि नैनीताल शहर ग्रीन बेल्ट में आता है सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशानुसार यहां भारी निर्माण कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है बावजूद इन आदेशों के आये दिन यहाँ बड़े बड़े बिल्डर्स और लोग अवैध और अनाधिकृत निर्माण कार्य करते रहते हैं,और इन मामले में प्राधिकरण की भूमिका हमेशा ही संदेह के दायरे में रही है। बीते दिनों जिला मुख्यालय में 10 से ज़्यादा अवैध निर्माण कार्य सामने आए है,ये वो निर्माण कार्य है जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहे है इनके अलावा शहर में और न जाने कितनी जगह टीन शेड की आड़ में ऐसे अवैध निर्माण कार्य होते रहते है। प्राधिकरण अगर इन अवैध निर्माण कार्यो पर नज़र रखे तो शहर और ज़्यादा कंक्रीट के जंगल मे तब्दील होने से बच जाए।