बड़ी खबरः 8 दिन में पांच देशों का दौरा करेंगे प्रधानमंत्री मोदी! कूटनीतिक समझौतों पर करेंगे हस्ताक्षर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 2 जुलाई से 10 जुलाई तक पांच देशों की यात्रा पर रहेंगे। इनमें से तीन घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया ऐसे हैं, जहां पीएम पहली बार जाने वाले हैं। इसके अलावा वे ब्राजील और अर्जेंटीना भी जाएंगे, जहां वे विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही कई कूटनीतिक समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। बता दें कि ये सभी देश कूटनीतिक लिहाज से बेहद अहम हैं। पीएम मोदी की ये विदेश यात्रा घाना जाने से शुरू होगी। इसके बाद वे निदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना और ब्राजील जाएंगे। ब्राजील में BRICS समिट में हिस्सा लेंगे और उसके बाद नामीबिया पहुंचेंगे। यहां उनकी पहली नामीबिया यात्रा होगी। इन देशों के साथ भारत के कई आर्थिक और कूटनीतिक समझौते हो सकते हैं। घाना में पीएम मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। तीन दशकों में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री घाना पहुंचेंगे। घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा 2015 में भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरे पर आए थे। घाना पश्चिम अफ्रीका की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत के साथ इसके संबंध मजबूत और विस्तारित व्यापार और निवेश द्वारा चिह्नित हैं।
भारत घाना के निर्यात के लिए सबसे बड़ा साथी माना जाता है। घाना से भारत के आयात का 70% से अधिक हिस्सा सोने का है। पीएम द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा करने के साथ ही आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा और विकास सहयोग के माध्यम से इसे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति महामा के साथ बातचीत करेंगे। घाना के बाद कैरिबियन देश त्रिनिदाद और टोबैगो का दौरा करेंगे, जहां की 40-45% आबादी भारतीय है। प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर और राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू दोनों ही भारतीय मूल के हैं। प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदी की टीएंडटी की पहली यात्रा होगी और 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री गुयाना गए थे। आठ महीनों में कैरिबियन देश की उनकी ये दूसरी यात्रा इस क्षेत्र के लिए भारत के महत्व को दर्शाती है। यह यात्रा टीएंडटी में भारतीय प्रवासियों के आगमन के 180 वर्ष पूरे होने का प्रतीक होगी। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यापार 341.61 मिलियन डॉलर तक पहुंचने के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में लगातार वृद्धि देखी गई है।