Congratulations! पद्म भूषण से सम्मानित हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई,गर्व से कहा इंडिया मेरा हिस्सा है जहां भी जाता हूँ भारत को साथ ले जाता हूँ!सुंदर पिचाई की सक्सेसफूल कहानी पढ़िए लिंक में
भारत3/12/2022
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को भारत के 73वे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। इस खबर की सूचना के बाद सुंदर पिचाई ने खुद को गौरवांवित महसूस करते हुए कहा कि मैं इस अपार प्यार और मान सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगो का हृदय से आभारी हूँ भारत मेरा हिस्सा है।
अमेरिका में भारतीय दूत से सुंदर पिचाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक और प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करते हुए पिचाई ने कहा, "भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ ले जाता हूं।" सुंदर पिचाई ने शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को में अपने करीबी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में पद्म भूषण प्राप्त किया।
पिचाई को इस साल की शुरुआत में 17 पुरस्कार विजेताओं में से एक नामित किया गया था। वहीं, भारतीय दूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा, "सैन फ्रांसिस्को में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण सौंपकर खुशी हुई। मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा, भारत-अमेरिका आर्थिक और तकनीकी को मजबूत करती है। संबंध, वैश्विक नवाचार में भारतीय प्रतिभा के योगदान की पुष्टि करता है।"
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सुंदर पिचाई ने कहा, "मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का हृदय से आभारी हूं। मुझे आकार देने वाले देश द्वारा इस तरह से सम्मानित किया जाना अविश्वसनीय रूप से सार्थक है। भारत मेरा एक हिस्सा है। मैं जहां भी जाता हूं इसे अपने साथ ले जाता हूं। (इस खूबसूरत पुरस्कार के विपरीत जिसे मैं कहीं सुरक्षित रखूंगा)।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं सौभाग्यशाली था कि मैं एक ऐसे परिवार में पला-बढ़ा, जिसने सीखने और ज्ञान को संजोया, माता-पिता के साथ, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत त्याग किया कि मुझे अपनी रुचियों का पता लगाने के अवसर मिले।" पिचाई ने कहा कि तकनीकी परिवर्तन की तीव्र गति को देखने के लिए वर्षों में कई बार भारत लौटना आश्चर्यजनक रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में किए गए नवाचार दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं - डिजिटल भुगतान से लेकर वोइस टेक्नोलॉजी तक। सुंदर पिचाई ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा, "मैं गूगल और भारत के बीच महान साझेदारी को जारी रखने की आशा करता हूं, क्योंकि हम प्रौद्योगिकी के लाभों को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करते हैं।"
आपको बता दें कि चेन्नई में 1972 में जन्मे सुंदर पिचाई का मूल नाम पिचाई सुंदराजन है, लेकिन उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है।
सुंदर पिचाई ने अपनी बैचलर डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। अमेरिका में सुंदर ने एमएस की पढ़ाई स्टैनडफोर्ड यूनिवर्सिटी से की और वॉर्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।पिचाई को पेन्सिलवानिया यूनिवर्सिटी में साइबेल स्कॉलर के नाम से जाना जाता था।
सुंदर पिचाई ने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था। उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशन ऑफिसर थे। सुंदर सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप्स डिविजन) रह चुके हैं। पिछले साल अक्टूबर में उन्हें गूगल का सीनियर वीपी (प्रोडक्ट चीफ) बनाया गया था। एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लांच हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है।1 अप्रैल 2004 को वे गूगल में आए। सुंदर का पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में गूगल के सर्च टूलबार को बेहतर बनाकर दूसरे ब्रॉउजर के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था। इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लांच करना चाहिए। इसी एक आइडिया से वे गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आ गए। इसी आइडिया से उन्हें असली पहचान मिलनी शुरू हुई। 2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचाई के नेतृत्व में क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लांचिंग हुई और उसके बाद एंड्रॉइड मार्केट प्लेस से उनका नाम दुनियाभर में हो गया। सुंदर ने ही गूगल ड्राइव, जीमेल ऐप और गूगल वीडियो कोडेक बनाए हैं। सुंदर द्वारा बनाए गए क्रोम ओएस और एंड्रॉइड एप ने उन्हें गूगल के शीर्ष पर पहुंचा दिया। पिछले साल एंड्रॉइड डिविजन उनके पास आया और उन्होंने गूगल के अन्य व्यवसाय को आगे बढ़ाने में भी अपना योगदान दिया। पिचाई की वजह से ही गूगल ने सैमसंग को साझेदार बनाया।प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में जब सुंदर ने गूगल ज्वाइन किया था, तो इंटरनेट यूजर्स के लिए रिसर्च किया, ताकि यूजर्स जो इन्स्टॉल करना चाहते हैं, वे जल्दी इन्स्टॉल हो जाए। हालांकि यह काम ज्यादा मजेदार नहीं था, फिर भी उन्होंने खुद को साबित करने के लिए अन्य कंपनियों से बेहतर संबंध बनाएं, ताकि टूलबार को बेहतर बनाया जाए। उन्हें प्रोडक्ट मैनेजमेंट का डायरेक्टर बना दिया गया। 2011 में जब लैरी पेज गूगल के सीईओ बने, तो उन्होंने तुरंत पिचाई को प्रमोट करते हुए सीनियर वाइस प्रेसीडेंट बना दिया गया था।