हरियाणा-जापान आर्थिक और ग्रीन एनर्जी साझेदारी: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में ओसाका में महत्वपूर्ण बैठकें और एमओयू पर हस्ताक्षर
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को ओसाका में जापान की प्रमुख कंपनियों मिनेबेआ मित्सुमी, मित्सुई किंजोकू कंपोनेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और निटो सेइको के शीर्ष नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इस दौरान हरियाणा सरकार और मित्सुई किन्ज़ोकू कंपोनेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में शोध, विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू के तहत ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, स्टोरेज और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और निवेश के प्रयास किए जाएंगे। यह साझेदारी राज्य में ग्रीन ऊर्जा पहल को मजबूती प्रदान करेगी और तकनीकी नवाचार के साथ-साथ नए रोजगार सृजन का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण, बेहतर बुनियादी ढांचा और पारदर्शी नीतियां प्रदान कर विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। बैठक के दौरान जापानी कंपनियों ने हरियाणा में प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य उच्च तकनीकी क्षेत्रों में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने बताया कि जापानी निवेश से न केवल राज्य के औद्योगिक और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्तीकरण मिलेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि यह निवेश हरियाणा और जापान के बीच तकनीकी सहयोग और औद्योगिक विकास को नई दिशा देगा।प्रतिनिधिमंडल में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. यश गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। हरियाणा-जापान सहयोग की इस पहल को राज्य में ग्रीन एनर्जी और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह साझेदारी हरियाणा को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और प्रौद्योगिकी अनुसंधान के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। वहीं, जापानी कंपनियों के निवेश से प्रदेश में औद्योगिक विकास के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जो रोजगार और आर्थिक समृद्धि के लिए लाभकारी साबित होंगे। यह दौरा हरियाणा और जापान के बीच दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने का संकेत माना जा रहा है।