शिक्षा में सुधार और युवाओं को रोजगार देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता:मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे सुधारों पर बल दे रही है, जिनसे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलें और वे समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें। प्रदेश सरकार ने बिना पर्ची-खर्ची के अब तक 1.80 लाख युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी हैं और तीसरे कार्यकाल में 2 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते रहे, उनकी मेहनत अवश्य रंग लाएगी। मुख्यमंत्री बुधवार को रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधियां प्रदान की। नायब सिंह सैनी ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षण संस्थान के गौरव और उपलब्धि का प्रतीक होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में स्थापित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह इस पावन भूमि की ज्ञान-परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी जी के मार्गदर्शन की सराहना की और बताया कि 1957 में महंत श्रेयोनाथ जी महाराज द्वारा स्थापित बाबा मस्तनाथ आयुर्वेदिक महाविद्यालय आज एक विशाल विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है, जहां आयुर्वेद से लेकर इंजीनियरिंग, कानून, नर्सिंग और मानविकी जैसे विविध क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान की जा रही है। हरियाणा ने शिक्षा, खेल, संस्कृति, शोध और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर देश में अग्रणी राज्य के रूप में पहचान बनाई है, जिसमें बाबा मस्तनाथ जैसी संस्थाओं का योगदान सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हमारी भावी पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे। इसके लिए उन्होंने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अपने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2024 में लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि हर विद्यार्थी को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण भी मिले। इस दिशा में शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ने के लिए स्कूलों में एनएसक्यूएफ, कॉलेजों में ‘पहल योजना’, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों के साथ एमओयू जैसे ठोस प्रयास किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटना। इसके लिए हमें शिक्षा को केवल क्लासरूम तक सीमित न रखकर, उसे सीधे उद्योगों की वर्तमान जरूरतों से जोड़ना होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इंडस्ट्री-एकेडमी पार्टनरशिप को अपनाना होगा। इस दिशा में हमने तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट के लिए 580 से अधिक उद्योगों से समझौते किये हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। कई विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किये गए हैं।