Indian Army Day 2023:आज है 75वां सेना दिवस,कौन थे केएम करियप्पा?जिनकी वजह से हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है ये खास दिन,भारतीय सेना के नाम इस रिकॉर्ड को भी जानें
भारत में हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के गौरव को बढ़ाने और सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के सम्मान का दिन होता है। इस साल भारत का 75 वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस मौके पर देश थल सेना की वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करता है। भारतीय सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना में से एक माना जाता है। गोलाबारूद-हथियारों के मामले में भारतीय सेना दुनिया में चौथे स्थाना पर आती है। भारतीय सेना के पास सटीक अग्नि और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो इसे ताकतवर बनाती है। पूरे विश्व में भारतीय सेना एक मात्र ऐसी सेना है जो सिर्फ अपने दुश्मनों के हमले का जवाब देती है। भारतीय सेना के नाम कभी भी किसी देश पर पहले हमला न करने या उसे कब्जा करने का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। भारतीय सेनासर्व-स्वयंसेवी बल है और इसमें देश के सक्रिय रक्षा कर्मियों का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। भारतीय सेना दुनिया की एकमात्र ऐसी सेना है, जिसके पास 12 लाख से ज्यादा सक्रिय सैनिक हैं।
क्यो मनाया जाता है सेना दिवस?कौन थे केएम करियप्पा?
सन 1942 में पहले भारतीय सैन्य अफसरों को एक यूनिट कमांड करने का मौका मिला था। जबकि 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस ब्रुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस ब्रुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। उसी समय से 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।फील्ड मार्शल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे। ये भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। करियप्पा साल 1953 में रिटायर हो गए थे और 94 साल की उम्र में साल 1993 में उनका निधन हुआ था।