महाकुम्भ 2025: शिविर और सुविधाओं के लिए साधु-संतों को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर! ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण हर स्तर पर तैयारी करने में जुटा हुआ है। मेला क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए इस बार प्रयागराज मेला प्राधिकरण के ऑफिस में आवेदन नहीं करना पड़ेगा।
संगनगरी में 13 जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुंभ में इस बार संस्थाओं और साधु-संतों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों को जमीन से लेकर सुविधा पर्ची तक हासिल करने के लिए मेला प्राधिकरण का चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी। प्रयागराज प्राधिकरण इस बार ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा शुरू उपलब्ध कराएगा। सॉफ्टवेयर के जरिये जमीन और सुविधाओं के लिए आवेदन करने के लिए तैयारी पूरी हो गयी है। इस सेवा का ट्रायल हो चुका है। बता दें कि मेले की शुरुआत से पहले साधु-संतों के साथ ही संस्थाओं को बसाया जाता है। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों का शिविर लगता है। कुम्भ मेला में 4 हजार से ज्यादा संस्थाएं और 13 अखाड़ों के शिविर लगते हैं। इसके साथ ही अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर अपने-अपने शिविर भी लगाते हैं। शिविर लगाने के लिए सभी साधु संत अखाड़े के अलावा संस्थाएं और तीर्थपुरोहितों को प्रयागराज मेला प्राधिकरण के ऑफिस में आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद उन्हें मेला कार्यालय से जमीन आवंटन से लेकर नल, बिजली, शौचालय समेत अन्य सुविधाओं की पर्चियां मिलती है। जिसके बाद इसी पर्ची के जरिये उनके शिविरों की बसावट पूरी होती है। मेला प्रशासन की तरफ से जमीन व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
इस बार महाकुंभ 2025 में साधु संतों और संस्थाओं को जमीन आवंटन से लेकर सुविधा पर्ची तक के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर का ट्रायल प्रयागराज मेला प्राधिकरण के कार्यालय में कमिश्नर और कुंभ मेलाधिकारी समेत सभी अफसरों के सामने ट्रायल हुआ है। जिसको देखने के बाद अफसरों ने सहमति प्रदान की कर दी है. महाकुम्भ में इस सॉफ्टवेयर की मदद से आवेदन करने से लेकर शिकायतों तक का निस्तारण ऑनलाइन होगा। इसके साथ ही सुविधा पर्ची लेने के बाद सम्बंधित विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्य की गुणवत्ता और उसकी शिकायतों की निगरानी भी आसानी से हो जाएगी। कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि साधु संतों, संस्थाओं और तीर्थ पुरोहित सभी की सुविधा के लिए जमीन से लेकर सुविधाओं तक की पर्चियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की जाएगी। तीर्थ पुरोहित अनुज तिवारी राकेश शर्मा का कहना है कि सॉफ्टवेयर से आवेदन करने से सुविधा तो होगी लेकिन सही तरीके से काम हो तभी सफल होगा। वरना इससे मेले में अव्यवस्था फैल जाएगी। क्योंकि एक से डेढ़ महीने के मेले में हर आवेदन और शिकायत पर कार्रवाई तत्काल होनी चाहिए, तभी यह व्यवस्था बन पाएगी। हालांकि ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया कब से शुरू होगी, इसकी घोषणा अभी नहीं की गयी है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।