नैनीताल/भीमताल : उत्तराखंड राज्य गठन की अवधारणा आज भी है अधूरी - पूरन ब्रजवासी
उत्तराखंड राज्य को बने 22 सालों हो गए लेकिन आज भी पहाड़ की आम जनता काफी परेशान है, ये कहना है समाज सेवी बृजवासी का। वो कहते है कि मनअनुरूप सपनों का राज्य बनना आज भी शेष है।
कुमाऊँ द्वार भीमताल विधानसभा के समाज सेवी पूरन चंद्र बृजवासी बताते हैं कि जिस कल्पना के साथ एक अलग राज्य कि चाह भोली-भाली पहाड़ की जनता ने कि थी, आज राज्य बने 22 साल में भी पूरी नहीं हुई, आज भी पहाड़ का जवान एवं किसान अपने हक के लिए संघर्ष कर रहा है, आज भी कई गांव आजादी के इतने सालों बाद भी सड़कों से वंचित है, कई गांव आज सरकार की व्यवस्थाओं के असुविधा के कारण खाली हो गए हैं, बेरोजगारी, पलायन दर बढ़ती ही जा रही है, अगर बात करे स्वास्थ्य कि तो पूरा पहाड़ आज भी चिकित्सा असुविधाओं के अभाव में जी रहा है, रोजगार, सरकारी नौकरी के नाम पर राज्य के युवा अपने आप को ठगा महसूस कर रहे उन्हें बाहरी राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है, सरकारी स्कूल, आई.टी.आई. पॉलिटेक्निक कॉलेज कई जगह पहाड़ों पर शिक्षकों की राह देख रही है, आज भी पानी,बिजली, सिंचाई, भ्रष्टाचार, आम जन सुरक्षा के मामलों से जनता ग्रसित है, पहाड़ के किसान को मंडी व सड़कों की कमी से पूरा मेहनताना नहीं मिल पा रहा है दिनों-दिन किसान कर्ज में डूब रहा है l संचार माध्यमों के अभाव से आज भी कई पहाड़ के गांव कोशों दूर है, जिसका खामियाजा पहाड़ वासियों को भुगतना पड़ रहा है, आज सरकार को विषम भौगोलिक क्षेत्र वाले उत्तराखंड राज्य के लिए सम सरल और विकासशील उन्नत नीति बनाकर हमारे पहाड़ राज्य को सक्षम बनाना होगा।