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नैनीताल स्पेशल:रसोई के इन मसालों से गौथिक शैली में बनाई गई थी नैनीताल के सचिवालय यानी हाईकोर्ट की इमारत! वांर्सडेल इस्टेट,सचिवालय से लेकर हाईकोर्ट तक सफर तय करने वाली भूकंपरोधी इमारत का अब किस कार्य मे होगा उपयोग?

  • Kanchan Verma
  • November 17, 2022
Nainital Special: Nainital Secretariat i.e. High Court building was built in Gothic style with these kitchen items! Warnsdale Estate, what will be the use of this earthquake-proof building now?

नैनीताल:17/11/2022

 

उत्तराखंड की धामी सरकार ने नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है अब जल्द ही हल्द्वानी में हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया जाएगा। सहमति के बाद हल्द्वानी में हाईकोर्ट के लिए भूमि की तलाश की जाएगी फिर राज्यपाल की मंजूरी के बाद प्रस्ताव पर अमलीजामा पहनाया जाएगा।
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में रहा,जो कि अंग्रेजों द्वारा गौथिक शैली में निर्मित किये गए भवन में आज तक स्थित है। अंग्रेजों ने भारत छोड़ने से पहले भारत को ब्रिटिश वास्तुकला की अद्भुत सौगात दी थी उन्हीं में से एक नैनीताल स्थित हाईकोर्ट भी है। नैनीताल हाईकोर्ट को कभी सचिवालय के रूप में जाना जाता था,जो 1900 में अंग्रेजों ने गौथिक शैली में तैयार किया था। इस शैली की उत्पत्ति उत्तरी फ्रांस, इंग्लैंड उत्तरी इटली और लांबर्डी में हुई थी। इस शैली का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण नैनीताल हाईकोर्ट है। इसमें संग तराशी को जिस तरह से किया गया है, उसे ऐसलर एएसएचएलएआर की संज्ञा दी गई है।  इस शैली में पत्थरों में इस तरह से तराशा जाता है कि उनकी लंबाई चौड़ाई और सतही संरचना एक प्रकार होती है। नैनीताल सेक्रेटियट में मोर्टार अथवा मसाला प्रयोग में लाया गया है। आपको जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि नैनीताल हाईकोर्ट(पूर्व में सचिवालय) उड़द दाल, गुड़ और पत्थर के चूरे से तैयार किया था,ताकि इस मसाले से इमारत में लचीलापन आ जाये। इस मसाले के प्रयोग से कोई भी बिल्डिंग भूकम्परोधी बन जाती है यानी भूकंप आने पर इन मसालों से बनी इमारत को नुकसान नही होता। 
नैनीताल हाईकोर्ट एक बेजोड़ इमारत है जो अपने आप मे शानदार इतिहास को संजोए हुए है। 1857 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नैनीताल एक ऐसी जगह रही जहाँ स्वतंत्रता संग्राम के खास असर देखने को नही मिला हालांकि देश की आज़ादी के लिए नैनीताल में भी कई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी। 1862 के आसपास नैनीताल को उत्तरी पश्चिमी प्रान्त की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया तब प्रशासनिक कार्यो के लिए नैनीताल में एक भवन की आवश्यकता पड़ी जिसे सचिवालय बनाया जा सके। 1896 में सरकार ने बांर्सडेल इस्टेट का अधिग्रहण किया गया और अधिशासी अधिकारी अभियंता एफ ओ ऑर्टल की परिकल्पना के आधार पर नैनीताल सचिवालय का निर्माण कार्य शुरू किया गया। साल 1900 में सचिवालय की बेजोड़ इमारत बन कर तैयार हुई,जो पूरे भारत मे आज नैनीताल हाईकोर्ट के नाम से प्रसिद्ध है।
नैनीताल हाईकोर्ट अब सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद हल्द्वानी शिफ्ट होगा तो सवाल उठता है कि अब नैनीताल हाईकोर्ट भवन का क्या होगा? इस विषय पर कल हुई धामी कैबिनेट की बैठक के बाद से ही चर्चाएं शुरू हो गयी है। नैनीताल के बुजुर्गों की माने तो अब हाईकोर्ट की जगह यहां कोई बड़ा अस्पताल या बड़ा इंस्टीट्यूट खुलने की सम्भावना है।


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