नैनीतालः ऑनलाइन शॉपिंग में बेतहाशा वृद्धि! स्थानीय व्यापारियों पर पड़ रहा व्यापक प्रभाव, व्यापारी नेता सेमवाल ने जताई चिंता, उठाई ये मांग

नैनीताल। हाल के वर्षों में ऑनलाइन शॉपिंग में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाई-स्पीड इंटरनेट की बढ़ती उपलब्धता और स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल उपकरणों के प्रसार सहित कई कारक इसकी वृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसका व्यापक प्रभाव स्थानीय व्यापारियों पर पड़ रहा है।ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते प्रभाव को लेकर व्यापारी नेता व समाज सेवी अखिलेश सेमवाल ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते प्रभाव से लोकल व्यापार खासकर छोटे किराना और रिटेल दुकानदारों को काफी चुनौती मिल रही है। अमेज़न और फ्लिपकार्ट बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की सस्ते दामों और गहरी छूट की नीति से पारंपरिक दुकानदार दबाव में हैं और उनका अस्तित्व खतरे में है।
अखिलेश सेमवाल ने इस मामले में आगे कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। ऑनलाइन शॉपिंग पर जीएसटी दरें बढ़ाने जैसे कदम से लोकल व्यापार को संरक्षण मिल सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वर्तमान में जीएसटी की विभिन्न दरें 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत, और 28 प्रतिशत के बीच हैं। यदि ऑनलाइन बिक्री पर उचित जीएसटी वृद्धि की जाए तो यह ई-कॉमर्स के अत्यधिक सस्ते दामों को संतुलित कर सकेगा और छोटे व्यापारियों को प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी। इसके अलावा सरकार ने ऑनलाइन रिटेलर्स के लिए कड़े नियम और टैक्स कलेक्शन के उपाय भी शुरू किए हैं, ताकि डिजिटल कारोबार सही तरीके से टैक्स दें और लोकल व्यापार को संरक्षण मिले। कुछ सुझावों में ऑनलाइन व्यापार के लिए एक नियामक प्राधिकरण बनाना भी शामिल है, जो ई-कॉमर्स और स्थानीय दुकानदारों के बीच विवादों को सुलझा सके। इस प्रकार ऑनलाइन शॉपिंग पर जीएसटी दरें बढ़ाने के साथ-साथ अन्य नियामक कदम उठाकर लोकल व्यापार को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना संभव हो सकता है।