नैनीताल/हल्द्वानी:रक्षा करने वालों से भी सुरक्षित नही है बेटियां,दिन दहाड़े पुलिस कर्मियों ने की छेड़छाड़!पुलिस विभाग,राज्यपाल ,मुख्यमंत्री,तमाम मंत्रियों के दावों की खुली पोल

नैनीताल/हल्द्वानी:24/11/2022
खाकी वर्दी लोगों की सुरक्षा करने के लिए पहनी जाती है। पुलिस कर्मियों को खाकी वर्दी पहनने के बाद शपथ लेनी पड़ती है शपथ एक शपथ या प्रतिज्ञान होता है जिसे एक व्यक्ति किसी कार्यालय के कर्तव्यों को संभालने से पहले लेता है,और पुलिस कर्मी हर नागरिक की सुरक्षा, कानून व्यवस्था का पालन, भारत एवं संविधान के प्रति श्रद्धावान एवं सच्ची निष्ठा रखने जो विधि द्वारा स्थापित है तथा भारत की सार्वभौमिकता तथा सत्यनिष्ठा बनाए रखने और अपने कार्यालय के कार्य निष्ठापूर्वक एवं ईमानदारी से और बिना भेदभाव के करने की शपथ लेता है। लेकिन कई बार खाकी शर्मसार करने के मामले सामने आते है जो पूरे पुलिस विभाग पर दाग लगाने का काम करते है।
ऐसे ही दो मामले बीते दिनों हल्द्वानी में सामने आए जब खाकी शर्मसार करने वाले दो सिपाहियों पर छेड़छाड़ के मुकदमे दर्ज हुए। एक घटना में पीएसी जवान ने महिला बैंककर्मी के साथ गलत नियत से छेड़छाड़ की तो दूसरे मामले में एक सिपाही ने छात्रा से बस में छेड़खानी कर दी। छात्रा की शिकायत पर आरोपी सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई,मामले में एसएसपी ने सिपाही को सस्पेंड कर दिया है।
आइये अब आपको विस्तार से बताते है ये दोनों मामले।
कालाढूंगी थाना क्षेत्र की रहने वाली छात्रा हल्द्वानी के कॉलेज से बीएससी कर रही है। छात्रा ने मुखानी थाने की पुलिस को बताया कि वह मंगलवार सुबह 8:30 बजे कालाढूंगी से हल्द्वानी के लिए बस में सवार हुई थी। इसी दौरान बस में एक पुलिस कर्मी भी चढ़ा और उससे बात करने लगा। छात्रा का आरोप है कि आम्रपाली शिक्षण संस्थान के पास बस रुकी तो पुलिस कर्मी उसे गलत नियत से छूने लगा। छात्रा ने बस में ही सवार अपने साथी को फोन कर इसकी जानकारी दी। दोस्त ने छात्रा की सीट पर पहुंचकर बात की तो सिपाही बस से उतरकर चला गया। इसके बाद छात्रा मुखानी थाने पहुंची और सिपाही के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने सिपाही के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। जांच में पता चला है कि आरोपी सिपाही मो. जरीफ अहमद नैनीताल पुलिस लाइन में तैनात है। वह इससे पहले चमोली में तैनात था। पूर्व में उस पर गार्ड के साथ मारपीट करने का भी आरोप लग चुका है।
एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि आरोपी सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। आरोपी के खिलाफ जिलाबदर की भी कार्रवाई होगी। छात्रा के लगाए गए आरोपों की भी जांच की जाएगी। यदि आरोपी उक्त जांच में दोषी पाया गया तो उसे बर्खास्त किया जाएगा।
वही दूसरे मामले में बस में सवार महिला बैंक कर्मी के साथ पीएसी जवान ने छेड़छाड़ कर दी। विरोध करने पर भी जब वह नहीं माना तो बैंक कर्मी ने डायल 1090 पर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस चौकी के पास बस रुकवाने पर आरोपी कूदकर भाग गया। पुलिस ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
पुलिस के अनुसार गदरपुर स्थित एक बैंक शाखा में कार्यरत हल्द्वानी निवासी युवती मंगलवार शाम हल्द्वानी आने के लिए रुद्रपुर से बस में सवार में हुई थी। बेलबाबा के पास बस में सवार एक युवक उसके पास की सीट पर बैठ गया और छेड़खानी करने लगा। इस पर युवती ने डायल 1090 पर पुलिस को सूचना दे दी और बस को टीपीनगर पुलिस चौकी के सामने रुकवा दिया। इस पर आरोपी बस से कूदकर भाग गया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच में पता चला है कि आरोपी ललित चंद्र 46वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर में कार्यरत है। वह युवती का कई दिनों से पीछा कर रहा था। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस की ओर से एक रिपोर्ट 46वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर भेजी गई है।
ये दोनों मामले हल्द्वानी के है जहाँ कुमाऊं कमिश्नर से लेकर एसएसपी तक के कार्यालय है।मामले में भले ही एसएसपी पंकज भट्ट ने ये कहा कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालो को पुलिस बख्शेगी नही, दोनों ही मामलों में पुलिस ने अपनी ओर से तुरंत कार्यवाही की है"।
सवाल ये उठता है कि ये दोनों ही घटनाएं दिन दहाड़े हुई है और किसी आपराधिक प्रवृत्ति वाले इंसान ने नही बल्कि पुलिस की वर्दी पहने पुलिसकर्मियों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया है।
देश के लीडिंग न्यूज़ पेपर्स तक मे इन मामलों को लेकर जो हैड लाइन छपी है वो बेहद सोचनीय है। "बेटियां रहे सावधान,खाकी तोड़ रही एतबार"!
इन दोनों घटनाओं पर ये हैड लाइन वाकई सोचने पर मजबूर करती है कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जो दावे वादे पुलिस विभाग, राज्यपाल,मुख्यमंत्री, और तमाम कैबिनेट मंत्रियों द्वारा आये दिन किये जा रहे है उनकी ज़मीनी हकीकत तो कुछ और ही है। आज इन दोनों घटनाओं के आरोपियों पर कार्यवाही तो भले ही शुरू हो गयी है लेकिन कार्यवाही करने वाली पुलिस पर एतबार कैसे किया जाए? क्योंकि आरोपी भी तो पुलिस वाले ही है