• Home
  • News
  • UP Police has imposed Rasuka against two accused who burnt Ramcharit Manas in Uttar Pradesh, made 10 people accused along with Swami Prasad

उत्तरप्रदेश में रामचरित मानस को जलाने वाले दो आरोपियों के खिलाफ यूपी पुलिस ने लगाई रासुका, स्वामी प्रसाद के साथ 10 लोगों को बनाया आरोपी

  • Awaaz Desk
  • February 06, 2023
UP Police has imposed Rasuka against two accused who burnt Ramcharit Manas in Uttar Pradesh, made 10 people accused along with Swami Prasad

लखनऊ। यूपी की राजधानी में रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ने और जलाने के मामले में लखनऊ पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए डीएम सूर्यपाल गंगवार के आदेश पर  दो मुख्य आरोपित मो. सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा के खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की गई है। वहीं प्रतियां जलने के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के  नेता स्वामी प्रसाद के साथ 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ भी यही कार्रवाई
एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास के मुताबिक मामले में गिरफ्तार अन्य तीन आरोपियों आलमबाग के यशपाल सिंह लोधी, साउथ सिटी के देवेंद्र प्रताप यादव और तेलीबाग के नरेश सिंह के खिलाफ भी जल्द यही कार्रवाई होगी। 
 
सलीम ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया
पुलिस जांच में सामने आया है कि मौके पर मौजूद सलीम ने प्रतियां जलाने की साजिश रची थी। ओबीसी महासभा की स्वामी प्रसाद के समर्थन में सिर्फ  रामचरितमानस की प्रतियां लहराकर प्रदर्शन की योजना थी, लेकिन सलीम ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और प्रतियां फाड़ने के बाद उन्हें जला दिया। प्रतियों को पैरों तले कुचलवाया भी।

रामचरितमानस पर विद्वेष की राजनीति कर रहा विपक्ष
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि रामचरितमानस के मुद्दे पर विपक्ष विद्वेष की राजनीति कर रहा है। भाजपा सभी का सम्मान करती है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर काम करती है। 

बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाईं, वो सभी ओबीसी महासभा से जुड़े हुए थे।  ये सभी एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ रामचरितमानस का विरोध। वैसे ये पूरा विवाद स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान के बाद ही शुरू हुआ था। 

असल में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था- सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरितमानस से आपत्तिजनक अंशों को बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। 

तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिन पर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की एक चौपाई है, जिसमें इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। 

 


संबंधित आलेख: