उत्तराखण्डः बेरोजगार संघ और युवा एकता मंच का ऐलान! मांगे नहीं मानी गईं तो होगा उग्र आंदोलन, सरकार पर साधा निशाना

हल्द्वानी। उत्तराखंड युवा एकता मंच व उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा हल्द्वानी में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए युवाओं के साथ छलावे व दिए गए आश्वाशन पूर्ण न करने का आरोप लगाया। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर त्वरित कार्यवाही की मांग की गई। साथ ही सभी संगठनों ने साथ मिलकर संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ने की बात कही। सरकार पर निशाना साधते हुए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पवार ने स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग की 1564 पदों की भर्ती में धांधली के आरोप लगाए हैं। वहीं बाहरी राज्यों के आवेदनकर्ताओं को बाहर करने की मांग की। इस दौरान पीसीएस मुख्य परीक्षा से गणित हटाने सहित तमाम मांगों को पूर्ण करने करने की बात भी कही गयी। कहा गया कि अगर उनकी मांगों पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।
वहीं उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पीयूष जोशी ने उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा से गणित हटाए जाने व राज्य के छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की। इस दौरान उत्तराखंड युवा एकता मंच और उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने संयुक्त रूप में राज्य हितेषी संगठनों का आवाहन किया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सभी एक मंच पर लंबी लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट हों। उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक भूपेंद्र कोरंगा द्वारा राज्य के मूल निवासियों पर बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा की जा रही हिंसा के प्रकरणों में लगातार बढ़ोतरी व राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कदम ना उठाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि हाल ही में सुशीला तिवारी में नर्सिंग अधिकारी गौरव उप्रेती पर हुए जानलेवा हमले पर अभी तक मुकदमा दर्ज ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस दौरान बॉबी पवार, पीयूष जोशी, भूपेंद्र कोरंगा, गौरव जसवाल बजेला, बबलू जाए, गौरव उप्रेती आदि लोग मौजूद रहे।
सरकार से यह मांगे 1 माह के भीतर पूर्ण करने की मांग
1. पीसीएस मुख्य परीक्षा का सिलेबस बदलाव करते हुए प्रश्नपत्र 7 से गणित को हटाया जाए व नवीन पैटर्न के अनुरूप ही आगामी पीसीएस की परीक्षा कराई जाए।
2. नकल विरोधी कानून में संशोधन किया जाए व सन्देह जताने पर मुकदमे का क्लोज हटाया जाए।
3.राज्य में युवाओं पर लगे मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं।
4. राज्य गठन से अब तक की सभी भारतीयों की सीबीआई जांच करवाई जाए।
5. नर्सिंग के 1564 पदों की भर्ती प्रक्रिया में बाहरी राज्यों को आवेदन करने से तत्काल रोक लगाई जाए।