उत्तराखंड तफ्तीश:ऑनलाइन आता है चालान,ऑफलाइन दौड़ लगाता है आम इंसान, डिजिटल इंडिया का सुस्त परिवहन विभाग!आपके साथ भी हो सकता है कुछ ऐसा ...
जहां एक ओर डिजिटल इंडिया जोरों पर चल रहा है वही उत्तराखंड का परिवहन विभाग अभी भी ऑफलाइन रेंग रहा है कहने को तो चालान ऑनलाइन कट जाता है लेकिन चालान जमा ऑफलाइन ही किया जाता है और आज की इस दौड़ती भागती जिंदगी में आम आदमी से बेवजह चक्कर लगवाए जाते है जिसमें उसका समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। ऐसा इनदिनों उत्तराखंड के कई जिलों में देखने को मिल रहा है।
उदाहरण के तौर पर अगर आप अल्मोड़ा से गुजर रहे हो और आपकी कार की स्पीड गलती से 50 क्रॉस कर जाती है और आप इंटरसेप्टर वाहन की नजर में आ जाते है तो आपका चालान कट जाएगा और कुछ ही घंटों में आपके फ़ोन पर चालान कटने के मैसेज आ जायेगा, लेकिन शायद तब तक आप अल्मोड़ा से दिल्ली पहुंच चुके होंगे।
फिर आप जब ऑनलाइन पेमेंट के लिंक पर क्लिक करेंगे तो लिंक काम ही नही करेगा और उसके बाद आपको आपका काम छोड़कर 90 दिनों के भीतर अल्मोड़ा परिवहन विभाग आकर चालान की धनराशि जमा करनी होगी और साथ ही आपका ड्राइविंग लाइसेंस भी तीन माह के लिए निलंबित कर दिया जाएगा और अल्मोड़ा परिवहन विभाग में जमा करा लिया जाएगा और उसके बाद आपकी दोबारा तीन माह बाद ड्राइविंग लाइसेंस लेने कई सौ किलोमीटर दूर अल्मोड़ा के परिवहन विभाग में आना होगा।
फिलहाल परिवहन विभाग का कहना है कि इस पर ट्रायल चल रहा है जल्द ही ऑनलाइन पेमेंट कार्य करने लगेगा लेकिन अभी तक विभाग या शासन स्तर से इस मामले मे कोई जानकारी नही मिल पाई है कि आख़िर कब तक ऑनलाइन के बहाने ऑफलाइन चालान काटे जाते रहेंगे ।
और जब तक उत्तराखंड का परिवहन विभाग चालान काटने के मामले में पूरी तरह ऑन लाइन नही हो जाता तब तक एक आम आदमी का पैसा और समय चालान के चक्कर में बर्बाद होता रहेगा।