उत्तारखण्डः सांसद भट्ट ने सदन में उठाया वन्य जीव एवं मानव संघर्ष का मुद्दा! काठगोदाम से बांद्रा मुंबई तक चलने वाली रेलगाड़ी को रेगुलर चलाने की उठाई मांग
नैनीताल। सांसद अजय भट्ट ने नियम 377 में वन्य जीव एवम मानव संघर्ष की गंभीर चुनौती के बारे में सदन का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि वन्य जीवों के कारण जहां सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई है, वहीं फसलों के व्यापक नुकसान के कारण लोग पलायन के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के आतंक के कारण किसान खेती करने में असमर्थ है। मजबूरी में लोग क्रॉप पैटर्न चेंज (फसल परिवर्तन) करने को मजबूर है, क्योंकि उनके आगे भुखमरी की स्थिति पैदा हो रही है, कुछ दुरुस्थ गांव खाली हो चुके है। श्री भट्ट ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से लिए हुए हितधारकों, नीति निर्माताओं, राज्य केंद्र सरकारों, कानून विभाग, वन्य विभाग, कृषि विभाग, मीडिया एवम गैर सरकारी संस्थाओं में समन्वय स्थापित करते हुए अल्पकालिक एवम दीर्घकालिक कारगर कदम उठाए। श्री भट्ट ने कहा कि इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा आधारित तारा बाड़, भूमि नियोजन, इको टूरिज्म, पर्यावरण सेवा कर, ग्रीन बोनस जैसे सुझावों पर शीघ्र अमल करे, तथा किसानों को इस चुनौती से निपटने के लिए प्रशिक्षण एवम सुरक्षा देकर फसल परिवर्तन के लिए संसाधन उपलब्ध कराकर वन्य जीव कानूनों को और जनउपयोगी बनाए, ताकि किसान एवम वन्य जीवों को संघर्ष से निजात मिल सके एवम किसान सुरक्षित रहकर पूर्ववत कृषि कार्य कर सकें।
वहीं उन्होंने काठगोदाम और रामनगर बांद्रा मुंबई तक चलने वाली रेलगाड़ी को रेगुलर चलाने की मांग की।लोकसभा सदन में शून्य काल के दौरान उठाए गए प्रश्न में कहा कि कुमाऊं मंडल से मुंबई के लिए काठगोदाम और रामनगर बांद्रा सप्ताह में एक दिन चलती है जबकि यहां से मुंबई और मुंबई से यहां पर्यटन के क्षेत्र में लोगों का आना-जाना बड़ी मात्रा में लगा रहता है इसलिए एक दिन ट्रेन का संचालन होना नाकाफी है उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से मांग की है कि रामनगर से बांद्रा, और काठगोदाम से मुंबई तक के संचालित साप्ताहिक ट्रेन को रेगुलर या कम से कम सप्ताह में तीन दिन किया जाना चाहिए। जिससे कि पर्यटन के क्षेत्र में वह अन्य गतिविधियों में यात्रियों को पर्यटकों को सुविधा हो सके।