उत्तराखण्डः बहादराबाद हत्याकांड का चौंकाने वाला खुलासा! पिता की संपत्ति हड़पने के लिए बेटे ने दो दोस्तों के साथ मिलकर रची साजिश
हरिद्वार। हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस के मुताबिक इस हत्याकाण्ड की साजिश किसी लिफ्ट मांगने वाले बदमाश ने नहीं, बल्कि भगवान सिंह के अपने ही सगे बेटे ने रची थी। बेटे ने पिता की करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा जमाने की नीयत से अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर पूरे घटनाक्रम की पटकथा लिखी और पिता को मौत के घाट उतरवा दिया। पुलिस ने बेटे सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के खुलासे के बाद बेटे और पिता के पवित्र रिश्ते शर्मशार हो गए हैं। लोगों का कहना है कि आज के दौर में संपत्ति के लालच में लोग किसी भी हद तक गुजरने को तैयार रहते हैं।
मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि विगत 29 नवंबर की देर रात को भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी थी कि वह पिता के साथ रोशनाबाद शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के पास एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर फरार हो गया। इस मामले में बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली व सीआईयू की संयुक्त टीमों को जांच में लगाया। जब पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर यशपाल से पूछताछ की तो वह अपने ही बयान बदलने लगा। शादी में किस दोस्त के यहां जाना था, इस पर भी वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। यहीं से शक की सुई बेटे की ओर घूम गई। एसएसपी ने बताया कि सख्ती से पूछताछ में बेटे के जवाब लगातार उलझते गए। आखिरकार वह टूट गया और उसने स्वीकार किया कि पिता की हत्या उसी ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर करवाई है। पुलिस के मुताबिक मृतक भगवान सिंह रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी थे और उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी। बेटे की गलत संगत और आदतों के चलते दोनों के बीच विवाद रहते थे। बेटे ने पिता पर कई बार संपत्ति अपने नाम कराने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन मृतक ने साफ मना कर दिया और उसे बेदखल करने तक की चेतावनी दी।
इसी रंजिश में बेटे ने हत्या की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से बात कर पिता की हत्या के बदले 30 लाख और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा तय किया था। तीनों ने 29 नवंबर की दोपहर नहर पटरी पर रेकी की और रात में वारदात को अंजाम दिया। रात करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता को दोस्त की शादी का झांसा देकर कार से साथ ले गया। जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी राजन और शेखर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत यशपाल ने पिता से गाड़ी रुकवाई और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया। इसी दौरान राजन को उसने दोस्त बताकर कार में बैठाया। कार चलने के कुछ ही मिनट बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मार दीं। वारदात के बाद राजन मौके से फरार हो गया। कुछ देर बाद बेटे ने घटना को अंजान बताकर 112 पर कॉल कर पुलिस को गुमराह किया। पुलिस ने आरोपी यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन, शेखर को गिरफ्तार कर लिया है।