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उत्तराखण्डः यूकेएसएसएससी पेपर लीक केस! गरमाई सियासत, नेता प्रतिपक्ष आर्य ने उठाए सवाल, सरकार को घेरा

  • Awaaz Desk
  • September 22, 2025
 Uttarakhand: UKSSSC paper leak case heats up politics, Leader of the Opposition Arya raises questions and attacks the government

देहरादून। उत्तराखण्ड में रविवार को यूकेएसएसएससी परीक्षा के दौरान पेपर का एक सीट लीक होने के मामले में अब सियासत भी गरमाती हुई नजर आ रही है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले बेरोजगार युवाओं के सपने नकल माफिया चूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में लगातार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं और लगातार भर्ती परीक्षा सवालों के कटघरे खड़ी रही है। ऐसा ही 21 सितंबर को आयोजित हुई उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा को लेकर हुआ है। यूकेएसएसएससी का एग्जाम रविवार सुबह 11 बजे प्रदेश के 445 केंद्रों में आयोजित हुआ, लेकिन परीक्षा शुरू होने के करीब आंधे घंटे बाद ही 11ः35 बजे पेपर का एक सेट लीक  हो गया। इस पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन गणेश शंकर मर्तोलिया ने पेपर लीक मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रश्न पत्र से जुड़े पहले तीन पन्ने बाहर आए हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ये पन्ने बाहर कैसे आए। उन्होंने कहा कि विदित है इससे एक दिन पहले ही विशेष कार्य बल और स्पेशल ऑपरेशंस ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह रावत और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को देहरादून से गिरफ्तार किया था। हाकम सिंह रावत पहले भी कई बड़े पेपर लीक मामलों में शामिल रहा है। 2021 की स्नातक स्तरीय परीक्षा, वन दरोगा भर्ती और सचिवालय रक्षक भर्ती में उसका नाम सामने आया था। सरकार की कमजोर पैरवी से जमानत पर रिहा होने के बावजूद उसका नेटवर्क सक्रिय रहा। प्रदेश में नकल कराने और पेपर बेचने का सबसे बड़ा आरोपी जेल से छूट कर आ भी गया और पुनः पेपर बेचने के धंधे में लग भी गया। पेपर लीक की खबर से अभ्यर्थियों में गुस्सा है। अभ्यर्थी दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन नकल माफिया और प्रशासन की लापरवाही उनका भविष्य बर्बाद कर रही है। गंभीर सवाल ये है की हर बार पेपर लीक कैसे हो जाता है? पेपर बाहर आना सरकार और आयोग की नाकामी है। सरकार और आयोग को जवाब देना पड़ेगा।


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