उत्तराखण्डः विधानसभा का शीतकालीन सत्र! नेता प्रतिपक्ष बोले- बहाने बनाकर प्रश्नों का जवाब न देने की प्रवृत्ति पर लगनी चाहिए रोक, विभागों पर उठाए सवाल
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। इस दौरान प्रश्नकाल शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष से मांग करते हुए कहा कि कार्य सूची में देखने से पता चला है कि विधायक सुमित और विधायक मयूख महर के लोक निर्माण विभाग से संबधित दो प्रश्न स्थगित कर दिए है। उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों को केन्द्रीय विषय होने के आधार पर निरस्त किया गया है यह कारण बताया गया है। कहा कि सड़क और परिवहन केन्द्रीय सूची के विषय नहीं बल्कि समवर्ती सूची का विषय है और सड़क के मामले में केन्द्र और सरकार की जिम्मेदारी होती है। कहा कि राज्य में इन सड़कों में से अधिकांश की निर्माण और रख-रखाव हमारे विभागों से किया जा रहा है और उन्हें केन्द्रीय विषय कहा जा रहा है। कल तो विभाग ये भी कहने लगेंगे कि केन्द्र पोषित योजनाओं के जबाब भी नहीं देंगे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के जवाब से नेता प्रतिपक्ष संतुष्ट नहीं हुए। इस पर वरिष्ठ भाजपा विधायक मुन्ना सिंह ने बीच बचाव किया और कहा कि यहां चर्चा के बजाय विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में चर्चा की जा सकती है। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति व्यक्त की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बहाने बना कर प्रश्नों का जवाब न देने की इस प्रवृृत्ति पर रोक लगानी होगी। उन्होंने पीठ से विभागों को निर्देशित करने और आदेशित करने की मांग करते हुए विभागों को कठोर चेतावनी भी देने का निवेदन किया, ताकि भविष्य में कोई अन्य विभाग प्रश्नों से बचने के लिए ऐसी कोशिस न कर सके।