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हरियाणा में आर्थिक और अवसंरचनात्मक विकास को गति, विनियोग और नगरपालिका सुधार विधेयक पारित

  • Awaaz Desk
  • August 26, 2025
Appropriation and Municipal Reforms Bill passed to accelerate economic and infrastructural development in Haryana

चण्डीगढ़। हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को तीन महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जो राज्य के आर्थिक, कर और अवसंरचनात्मक विकास को गति देने के लिए बनाए गए हैं। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025, हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025, तथा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों के पारित होने से हरियाणा में वित्तीय प्रबंधन, कर प्रणाली में सुधार और अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025 के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य की संचित निधि से 4,251.04 करोड़ रुपये के भुगतान और विनियोग को मंजूरी दी गई। यह राशि विभिन्न सरकारी सेवाओं और योजनाओं के लिए उपयोग की जाएगी। यह विधेयक राज्य सरकार को वित्तीय संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए प्राधिकार प्रदान करता है, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी। हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 का उद्देश्य हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन करना है। यह संशोधन जीएसटी परिषद की सिफारिशों और केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए बदलावों के अनुरूप है। इस विधेयक में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। इसमें ‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’ को परिभाषित करने के लिए धारा 2 में नया खंड (116क) जोड़ा गया है, जो विशिष्ट, सुरक्षित और न हटाए जा सकने वाले चिह्न को संदर्भित करता है। धारा 17 की उप-धारा (5) में संशोधन कर ‘संयंत्र या मशीनरी’ को ‘संयंत्र और मशीनरी’ से प्रतिस्थापित किया गया है ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट में अस्पष्टता दूर हो।

इसके अलावा, धारा 34 की उप-धारा (2) में संशोधन कर क्रेडिट नोट से संबंधित कर दायित्व में कमी के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट रिवर्स करने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। धारा 107 की उप-धारा (6) में बदलाव कर जुर्माने की मांग वाले आदेशों के खिलाफ अपील के लिए 10% राशि जमा करने की शर्त जोड़ी गई है। ट्रैक और ट्रेस तंत्र के उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान हेतु नई धारा 122ख और प्रभावी निगरानी के लिए धारा 148क जोड़ी गई है। साथ ही, अनुसूची III के पैराग्राफ 8 में नया खंड (कक) जोड़ा गया, जो विशेष आर्थिक क्षेत्र या मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र में माल के प्रदाय को न तो माल और न ही सेवा का प्रदाय मानता है।

हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 का उद्देश्य 2021 के अधिनियम में संशोधन करना है। यह अधिनियम नगरपालिका क्षेत्रों से बाहर नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाया गया था। इसका लक्ष्य राज्य के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। अब तक 684 अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों को नियमित करने पर विचार किया गया है, और पिछले दस वर्षों में 2,145 ऐसी कॉलोनियों को नियमित किया गया है। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप, अब अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों के नियमितीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत, यदि 50 उद्यमी, जिनकी इकाइयां कम से कम 10 एकड़ सन्निहित भूमि पर हैं, सामूहिक रूप से पोर्टल पर आवेदन करते हैं, तो ऐसी इकाइयों को सरकार के अंतिम निर्णय तक वैध माना जाएगा। इस विधेयक का लक्ष्य इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा और नागरिक सुविधाएं प्रदान कर स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करना है। इन विधेयकों के पारित होने से हरियाणा में आर्थिक प्रबंधन, कर प्रणाली में पारदर्शिता और अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को गति मिलेगी। स्थानीय लोग और उद्यमी इन बदलावों को राज्य के विकास के लिए सकारात्मक कदम मान रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये कदम हरियाणा को और समृद्ध बनाने में मदद करेंगे।
 


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