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बड़ी खबरः लोकसभा-राज्यसभा में गरमाया सियासी माहौल! गृहमंत्री शाह ने कहा- वंदे मातरम राष्ट्रभावना का शाश्वत मंत्र, राहुल गांधी का पलटवार

  • Awaaz Desk
  • December 09, 2025
Big news: Political atmosphere heats up in Lok Sabha and Rajya Sabha! Home Minister Shah says Vande Mataram is the eternal mantra of nationalism, prompting Rahul Gandhi to retort

नई दिल्ली। राज्यसभा में आज मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान गृहमंत्री शाह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वंदे मातरम् की जरूरत थी और आज भी है जब देश 2047 में विकसित भारत बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग वंदे मातरम को पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव से जोड़ कर, इसके महत्व को धूमिल करना चाहते हैं। अमित शाह ने कहा कि वंदे मातरम एक अमर रचना है जो कर्तव्य और भारत मां के प्रति समर्पण की भावना जाग्रत करती है। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में वंदे मातरम पर चर्चा भावी पीढ़ियों को इसके वास्तविक महत्व, इसके गौरव को समझने में मदद करेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने वंदे मातरम को तोड़ कर सीमित कर दिया और वहीं से तुष्टिकरण की शुरुआत हुई जिसकी परिणति देश के बंटवारे के रूप में हुई, अगर इसे तोड़ा नहीं जाता तो देश नहीं बंटता। गृहमंत्री शाह ने कहा कि हम न तो संसद से बचते हैं और न ही मुद्दों पर चर्चा करने से भागते हैं, हम संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम की रचना के 150 साल पूरे हुए, और यह इसके गौरव को पुनः स्थापित करने का समय है और साथ ही नागरिकों में कर्तव्य की भावना को आगे बढ़ाना है। कहा कि सरकार ने पूरे वर्ष भर बड़े पैमाने पर वंदे मातरम् की 150वीं जयंती मनाने का फैसला किया है। वंदे मातरम ने देश को आजादी दिलाने में मदद की, यह अब अमृतकाल में देश को विकसित बनाने में मदद करेगा।

देश की सभी संस्थाओं पर कब्जा चाहता है आरएसएस
वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनाव सुधार पर हो रही डिबेट में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि खादी न सिर्फ एक वस्त्र है, यह भारत की आत्मा है। हर क्षेत्र की पहचान अलग-अलग कपड़ों के लिए है। राहुल गांधी ने असमिया गमछे से लेकर कांचीपुरम साड़ी तक की चर्चा की और कहा कि हमारा देश भी एक फैब्रिक की तरह है। देश की झलक देश का पहनावा है। देश के सारे धागे एक जैसे हैं। हमारा देश 150 करोड़ लोगों से बना है। देश के सारे धागे एक जैसे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस सभी संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है। नाथूराम गोडसे ने गांधी को मारा। यह असहज करने वाला सत्य है। राहुल गांधी ने कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति आरएसएस के हैं। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि आप चुनाव सुधार पर ही बोलिए, किसी संगठन का नाम मत लीजिए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम सभी लोग नेता प्रतिपक्ष को सुनने के लिए ही बैठे हैं। अगर वह विषय पर ही नहीं बोलेंगे, तो क्यों समय खराब कर रहे हैं सबका। राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष के हंगामे पर कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। शिक्षण संस्थाओं पर कब्जा किया गया है। वीसी की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं, एक संगठन से जुड़ाव के आधार पर की गई है। सीबीआई, ईडी पर भी एक संस्था से जुड़े लोगों ने कब्जा किया गया है। तीसरी संस्था चुनाव आयोग पर भी एक संस्था का कब्जा है, जो देश में चुनाव को कंट्रोल करती है। मेरे पास इसके सबूत हैं। बीजेपी लोकतंत्र को डैमेज करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है। सीजेआई को सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से हटाया गया। मैं बैठा था, एक तरफ पीएम मोदी और अमित शाह बैठे थे और दूसरी तरफ मैं। किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया। दिसंबर 2023 में नियम बदल यह प्रावधान किया कि किसी भी चुनाव आयुक्त को दंडित नहीं किया जा सकता। यह 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया। सीसीटीवी और डेटा को लेकर नियम बदले गए। सत्ता के साथ चुनाव आयोग का तालमेल है। यह डेटा का सवाल नहीं, चुनाव का सवाल है।


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