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लोन ऐप, फर्जी निवेश और ऑनलाइन गेमिंग से देशभर में ठगी! CBI ने उजागर किया ट्रांसनेशनल साइबर सिंडिकेट, हजारों पीड़ितों से 1000 करोड़ की लूट

  • Awaaz Desk
  • December 14, 2025
Loan apps, fake investments, and online gaming are rife with fraud nationwide! CBI uncovers transnational cyber syndicate that robbed thousands of victims of ₹1,000 crore.

नई दिल्ली। सीबीआई ने एक बड़े और संगठित ट्रांसनेशनल साइबर फ्रॉड नेटवर्क का खुलासा किया है। मामले में सीबीआई की तरफ से 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, इनमें 4 विदेशी नागरिक शामिल हैं। इसी के साथ जांच एजेंसी ने 58 कंपनियों पर बड़ा एक्शन लिया है। जांच में सामने आया है कि इस साइबर नेटवर्क के जरिए 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध रकम को देश और विदेश में घुमाया गया। जानकारी के मुताबिक यह साइबर फ्रॉड नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ था और हजारों आम नागरिकों को अलग-अलग ऑनलाइन ठगी योजनाओं के जरिए निशाना बनाया गया। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि यह संगठित सिंडिकेट भ्रामक लोन ऐप, फर्जी निवेश स्कीम, पोंजी और एमएलएम मॉडल, नकली पार्ट-टाइम जॉब ऑफर और धोखाधड़ी वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को ठग रहा था। इन सभी गतिविधियों के पीछे एक ही नेटवर्क काम कर रहा था। सीबीआई ने अक्टूबर 2025 में इस मामले में तीन मुख्य भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जांच का दायरा बढ़ाया गया, जिसमें साइबर और वित्तीय गड़बड़ी की परत-दर-परत जांच की गई। यह केस गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) से मिले इनपुट के आधार पर दर्ज किया गया था। शुरुआती तौर पर ये मामले अलग-अलग शिकायतों जैसे दिख रहे थे, लेकिन CBI के डिटेल एनालिसिस में ऐप्स, फंड फ्लो पैटर्न, पेमेंट गेटवे और डिजिटल फुटप्रिंट में चौंकाने वाली समानताएं सामने आईं। CBI की जांच में खुलासा हुआ कि साइबर अपराधियों ने बेहद लेयर्ड और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन तरीका अपनाया था। इसके तहत Google Ads, बल्क SMS कैंपेन, SIM-बॉक्स आधारित मैसेजिंग सिस्टम, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक प्लेटफॉर्म और कई म्यूल बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया। ठगी के हर चरण को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि असली कंट्रोलर्स की पहचान छिपी रहे और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचा जा सके।


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