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ऑफिस ऑवर्स खत्म होते ही कर्मचारियों को काम से मुक्ति का हक! लोकसभा में पेश हुआ राइट टू डिस्कनेक्ट बिल

  • Awaaz Desk
  • December 09, 2025
Employees have the right to be relieved from work as soon as office hours end! Right to Disconnect Bill introduced in Lok Sabha

नई दिल्ली। हाल ही में लोकसभा में ‘राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025’ पेश किया गया। इस बिल का उद्देश्य कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाहर काम से जुड़े फोन कॉल और ईमेल का जवाब देने से छूट देना है, ताकि वर्क लाइफ बैलेंस बनाया जा सके। इसमें काम के घंटे पूरे होने पर ओवरटाइम पैसे देने का भी प्रावधान है। यह बिल एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने पेश किया। बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य ऐसे मुद्दों पर प्राइवेट मेंबर बिल ला सकते हैं, जिन पर वे महसूस करते हैं कि सरकार को कानून बनाना चाहिए। हालांकि अधिकतर मामलों में सरकार की प्रतिक्रिया के बाद ये बिल वापस ले लिए जाते हैं।  ‘राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025’ कर्मचारियों के लिए वेलफेयर अथॉरिटी बनाने और हर कर्मचारी को ऑफिस समय के बाद और छुट्टियों के दौरान काम से जुड़े कॉल और ईमेल से पूरी तरह दूर रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है। बिल के प्रावधानों के अनुसार किसी भी तरह की अवहेलना (नॉन-कम्प्लायंस) की स्थिति में संबंधित संस्था (कंपनी या सोसायटी) पर उसके कर्मचारियों के कुल पारिश्रमिक (टोटल रेम्यूनरेशन) का 1 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। बिल हर कर्मचारी को काम से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन जैसे कॉल, ईमेल और मैसेज से दूर रहने का अधिकार देता है। सुप्रिया सुले ने एक्स पर लिखा कि इस बिल का उद्देश्य लोगों को बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ और स्वस्थ वर्क-लाइफ बैलेंस देना है, ताकि आज के डिजिटल कल्चर से पैदा होने वाले बर्नआउट को कम किया जा सके। सुले ने तर्क दिया कि डिजिटल और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी जहां काम को फ्लेक्सिबल बनाती है, वहीं यह पर्सनल और प्रोफेश्नल जीवन की सीमाओं को धुंधला करने का बड़ा खतरा भी पैदा करती है।
 


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