उपचुनावः सपा ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र! बुर्का हटाकर न कराई जाए मुस्लिम महिलाओं की चेकिंग, जानें क्या है वजह?
लखनऊ। यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में सपा की ओर से कहा गया कि मतदान के दौरान मुस्लिम महिलाओं की बुर्का हटाकर चेकिंग न की जाए क्योंकि इस तरह की चेकिंग से मुस्लिम महिलाएं डर जाती हैं और मतदान नहीं कर पाती हैं। सपा ने आयोग से पुलिस द्वारा शक्तियों के गलत इस्तेमाल को रोकने की मांग की है। सपा ने EC को लिखे अपने पत्र में कहा कि मुस्लिम महिलाएं अगर बुर्का पहनकर मतदान केंद्र आती हैं तो पुलिस या अन्य सुरक्षा बलों को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। ऐसी महिलाएं अपनी पहचान साबित करने के लिए अन्य तरीकों का इस्तेमाल कर सकती हैं। पार्टी का यह भी कहना है कि मुस्लिम महिलाएं बुर्का हटाने के डर से वोट डालने से कतराती हैं क्योंकि वे समझती हैं कि इससे उनकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। सपा की इस मांग से सियासी घमासान मच सकता है क्योंकि बीजेपी कई मौकों पर बुर्काधारी महिला वोटर्स की जांच की मांग करती आई है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी की दिल्ली यूनिट ने भी ऐसी ही मांग उठाई थी।
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली BJP का एक प्रतिनिधमंडल, जिसमें विधायक अजय महावर, मोहन सिंह विष्ट, प्रदेशमंत्री किशन शर्मा, वकील नीरज गुप्ता शामिल थे, उन्होंने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें मांग की गई थी कि मतदान वाले दिन दिल्ली में जो भी बुर्का पहनकर या मुंह पर मास्क लगाकर मतदान करने आए, उसकी पूरी जांच के बाद ही वोट डालने दिया जाए। महिला अधिकारी या महिला पुलिस उनका चेहरा चेक करे। वहीं, समाजवादी पार्टी के यूपी अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग उठाई है कि रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट, जनरल ऑब्जर्वर और पुलिस अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया जाए कि 20 नवंबर 2024 को मतदान के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता के वोटर आईडी की जांच नहीं करेगा। पत्र में आगे कहा गया है कि मतदाता पहचान-पत्र की जांच करने का अधिकार मतदान अधिकारी के पास है।