आस्थाः छह माह के लिए गौरीकुंड मंदिर में विराजमान हुए गौरी माई! ग्रीष्मकाल के लिए खुले मंदिर के कपाट

रुद्रप्रयाग। बैसाखी पर्व पर गौरीकुंड में आराध्य गौरी माई मंदिर के कपाट पूजा-अर्चना के साथ भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। इस दौरान पूरा क्षेत्र मां गौरी माई के जयकारों से गूंज उठा। अब छह माह तक आराध्य मां भगवती की पूजा-अर्चना गौरीकुंड में ही होगी। बैसाखी के पावन पर्व पर सुबह 6 बजे से गौरी गांव में मां गौरी माई की विशेष पूजा की गई। इसके बाद सुबह 7 बजे मां गौरी माई की मूर्ति को कंडी में विराजमान कर कलेऊ, मौसमी फल-फूल और चुनरी भेंट की गई। ढोल-दमाऊं और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मां गौरी माई ने गौरी गांव से प्रस्थान किया। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिलाएं भावुक हो गई और काफी दूर तक देवी को विदा करने पहुंची। लगभग एक किमी की दूरी तय कर सुबह 8 बजे गौरी माई गौरीकुंड बाजार में पहुंची। लोगों ने पुष्प व अक्षत के साथ अपनी आराध्य का स्वागत किया। यहां से मां गौरी माई अपने मंदिर पहुंची और तीन परिक्रमा की। पुजारियों व हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में पूजा-अर्चना के साथ सुबह 8ः30 बजे गौरी माई मंदिर के कपाट खोले गए।