उत्तराखंड की बेटी को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला न्याय?मुख्यमंत्री धामी ने की केंद्रीय कानून मंत्री से बात,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत तमाम नेताओ और उत्तराखंड के संगठनों ने की पुनर्विचार याचिका की मांग

उत्तराखंड8/11/2022
2012 में उत्तराखंड की बेटी के साथ दिल्ली में हुई दरिंदगी के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया जिसके खिलाफ उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का जमकर विरोध होने लगा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आहत दिखाई दिए उन्होंने इस केस को देख रही एडवोकेट चारु खन्ना से भी बात की है साथ ही उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी बात की है। सीएम धामी ने कहा कि पीड़िता सिर्फ उत्तराखंड की ही नही बल्कि देश की बेटी थी उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।
वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज़ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी दुःख प्रकट किया और कहा कि ये बेहद दुःखद खबर है कि जिन अभियुक्तों को जिला कोर्ट हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई उन्हें सर्वोच्च अदालत ने बरी कर दिया। उन्होंने कहा ये निर्भया कांड से भी विभत्स कांड था।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज़ दिखाई दिए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए
वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों के संगठन उत्तराखंड लोक मंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती ने बताया कि हत्यारों को सजा होने तक मंच अपना संघर्ष जारी रखेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू याचिका दाखिल करने और राष्ट्रपति से मुलाकात पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द ही बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन और कार्यवाही की रणनीति तय की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस में भी नाराजगी व्याप्त हो गयी है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि आखिरकार सरकार से कहा चूक हुई कि मेडिकल रिपोर्ट, सारे साक्ष्य के आधार पर जिन्हें फांसी के फंदे पर झूलना चाहिए था, वो बरी हो गए। यह अविश्वसनीय लगता है। प्रत्येक देशवासी सर्वोच्च न्यायालय का पूर्ण सम्मान करते हैं परंतु इस मामले में फिर से पुनर्विचार याचिका लगानी होगी।
जब तक अभियुक्तों को सजा नहीं मिल जाती है हमें यह लड़ाई लड़ते रहना होगा। कुछ सोशल मीडिया यूजर ने इस घटना को अंकिता भंडारी हत्याकांड से भी जोड़ा,उन्होंने ये भी कहा कि पहाड़ की बेटियों के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।