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ब्रूटल कोल्ड ब्लडेड मर्डर!आफ़ताब की हरकतों को समय रहते भांप जाती तो श्रद्धा आज ज़िंदा होती!न्यूरोसाइंस के अनुसार हत्यारों के ब्रेन में मिसिंग होता है ये खास जीन,इन हरकतों पर ऐसे इंसानों से रहे दूर

  • Kanchan Verma
  • November 16, 2022
Brutal cold blooded murder! If Aftab's movements were detected in time, Shraddha would have been alive today! According to neuroscience, this special gene is missing in the brain of murderers.

भारत:16/11/2022

दिल्ली श्रद्धा हत्याकांड से न सिर्फ दिल्ली दहली बल्कि पूरा देश इस बर्बर हत्याकांड से अचंभित है। महरौली में हुए इस हत्याकांड में हर रोज चौकाने वाली बातें सामने आ रही है। श्रद्धा के प्रेमी आफताब अमीन ने जिस तरह श्रद्धा का गला घोंटकर हत्या की फिर उसके शव को 35 टुकड़ों में काटकर जंगलो में ठिकाने लगाया और सिर को फ्रिज में रखकर घँटों घूरता रहा उसे देखकर यही लगता है कि आफ़ताब अब समाज के लिए खतरनाक है।आफताब ने जो किया उसका अंदेशा पहले से ही हो चुका था लेकिन श्रद्धा क्योंकि प्यार में पागल थी या अंधी थी उसने उन अंदेशो को नजरअंदाज किया। अगर श्रद्धा समय रहते आफ़ताब के इरादों को भांप जाती तो आज वो बेमौत न मारी जाती।
क्या थे वो हिंट्स जिससे पता चलता है कि श्रद्धा की जान खतरे में थी?
दरअसल श्रद्धा हत्याकांड में हुए खुलासे से पता चलता है कि आफताब और श्रद्धा लिव इन रिलेशनशिप में थे और आये दिन उनके बीच झगड़े होते थे। आफताब श्रद्धा पर हाथ उठाया करता था,मारपीट किया करता था। 
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक हर रिश्ते में लड़ाई होती है, लेकिन जब कोई बार-बार आपको मारता-पीटता है छोटी छोटी बातों में आपके ऊपर हाथ उठाता है तो आपको सचेत होने की जरूरत है। बार-बार मारपीट इस बात की तरफ इशारा करती है कि सामने वाला शख्स गुस्से में आपके साथ कुछ भी कर सकता है। ऐसी स्थिति को भांपते ही लोगों को अपने घर-परिवार और करीबियों से बात करनी चाहिए। उन्हें इसके बारे में बताना चाहिए। कॉमन फ्रेंड से भी इसे शेयर करना चाहिए।

अगर फिर भी हालात में सुधार नहीं होता है तो अलग होना और कानूनी कदम उठाना बहुत जरूरी होता है। इसके जरिए न केवल आप सुरक्षित रहेंगे, बल्कि भविष्य में अगर वह शख्स किसी दूसरी महिला के साथ संबंध में रहता है तो वह भी सुरक्षित रह सकती है। 

अगर समय रहते श्रद्धा आफताब की इन हरकतों से आगाह हो गई होती तो उसकी जान बच सकती थी। इस तरह की गंभीर बातों को नजरअंदाज करने का नतीजा कई बार काफी दर्दनाक होता है।


क्या आफ़ताब और आफ़ताब जैसे गुनहगारों का मस्तिष्क होता है अलग?


आफ़ताब ने जिस तरह श्रद्धा का ब्रूटल मर्डर कर उसके शव के 35 टुकड़े काटकर जंगल मे फेंक दिए इससे जाहिर है कि आफ़ताब कितना गुस्सैल प्रवृत्ति का होगा। न्यूरोसाइंस के मुताबिक आफ़ताब जैसे कातिलों का दिमाग आम इंसानों की तुलना में अलग होता है,ऐसे लोग ब्रूटल कोल्ड ब्लडेड मर्डर करने वाले होते है जिनकी हरकतों पर अगर ध्यान दिया जाए तो मर्डर से बचा जा सकता है।
श्रद्धा को जिस तरह आफ़ताब मरता पीटता रहता था ये एक बहुत बड़ा हिंट था कि आफ़ताब किसी रोज गुस्से में अपना आपा खो कर मर्डर भी कर सकता है।न्यूरोसाइंस के मुताबिक कत्ल करने वालों के शरीर की बनावट, आम लोगों से अलग होती है। उनके हाथ ज्यादा लंबे, और कान काफी बड़े होते हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि जेल में पड़े शातिर अपराधियों जो कि मर्डर  चुके थे उनके शरीर की रचना इस बात को और पुख्ता कर चुकी है कि हत्यारों के कान और हाथ दोनों छोटे होते है।
हाथ-पैर, कान-आंखों से होते हुए न्यूरोसाइंस ब्रेन तक जा पहुंचा. अस्सी के दशक में ब्रेन की स्कैनिंग के बाद वैज्ञानिक समझने लगे कि छोटे-से दिमाग के भीतर क्या-क्या चलता है. कैसे लगभग 3 पाउंड की ये चीज अच्छे-खासे इंसान को पागल बना सकती है. या फिर हंसता-प्यार करता बिल्कुल सामान्य दिखने वाला आदमी अपने ही परिवार या दोस्तों की बर्बर हत्या कर सकता है. ब्रेन इमेज में कई ऐसी बातें दिखीं, जिन्होंने साफ कर दिया कि हत्यारा दिमाग अलग तरीके से काम करता है- क्योंकि वो अलग होता है.
स्कैन में दिखा कि हत्यारों के ब्रेन के कई हिस्से सिकुड़े हुए हैं. खासकर प्री-फ्रंटल कॉर्टेक्स. बता दें कि ये मस्तिष्क का वो भाग है, जो सेल्फ-कंट्रोल सिखाता है. यानी गुस्सा आने पर दांत भींचकर भले रह जाएं, लेकिन सामने वाले का मुंह नहीं तोड़ना है. यही वो हिस्सा है, जो खतरों का अंदाजा भी देता है. जैसे ऊंची जगह से कूदने पर मौत हो सकती है, या जहर पीने पर जान बच भी जाए तो अंतड़ियां खराब हो सकती हैं. कातिल दिमाग रखने वालों में यही प्री-फ्रंटल काफी छोटा दिख रहा था।

जिन लोगों को ब्रेन की स्कैनिंग पर कम भरोसा हो, उनके लिए एक और जानकारी! एक खास जीन भी है, जिसका मिसिंग होना किसी भी आदमी को हत्यारा बना सकता है. इसे MAOA (मोनोअमीन ऑक्सीडेज ए) कहते हैं. ये न्यूरोट्रांसमीटर मॉलीक्यूल्स जैसे सेरेटोनिन और डोपामिन पर कंट्रोल रखता है. इनका सीधा ताल्लुक मूड, भावनाओं, नींद और भूख से है. अगर ये गड़बड़ाए तो इंसान के गड़बड़ाते देर नहीं लगती. ऐसे में अगर इनपर काबू करने वाला जीन ही गायब हो जाए या कम पड़ जाए तो नतीजा खतरनाक हो सकता है. यही वजह है कि MAOA को वॉरियर जीन या सीरियल किलर जीन भी कहा गया।
आफ़ताब भी इसी तरह के ब्रेन वाला रहा होगा या उसकी परवरिश कुछ ऐसी जगह हुई होगी जहाँ मारना काटना आम बात हो जहाँ महिलाओं पर अत्याचार बड़ी बात न हो।
बात बात पर श्रद्धा के साथ लड़ाई झगड़ा मारपीट करने वाले आफ़ताब की हरकतों को अगर श्रद्धा समय रहते भांप जाती तो आज उसे ज़िन्दगी से हाथ न धोना पड़ता।

आवाज़ इंडिया की हर लड़की हर महिला से अपील है कि अगर किसी भी रिश्ते में आपको कोई बात बात पर गाली गलौज  देता हो मारपीट करता हो अभद्रता बदतमीजी करता हो तो इसकी सूचना तत्काल नजदीकी थाने में दें और महिला सहायता केंद्र में शिकायत दर्ज करें साथ ही उक्त व्यक्ति से दूर रहें।


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