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चंपावतः हरिप्रिया गहतोड़ी का निधन! तीन बहनों ने मां के शव को दिया कंधा, जाते-जाते दृष्टिहीनों को संसार दिखा गई हरिप्रिया

  • Awaaz Desk
  • November 07, 2024
Champawat: Haripriya Gahtodi passes away! Three sisters gave shoulder to mother's dead body, Haripriya showed the world to the blind while leaving

चंपावत। लोहाघाट के राज्य आंदोलनकारी स्व. हीरा बल्लभ गहतोड़ी की  धर्मपत्नी हरिप्रिया गहतोड़ी 75 वर्ष की आयु में अनंत ज्योति में विलीन हो गई। हरिप्रिया अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गई हैं। जिनमें प्रमुख समाजसेवी एवं तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता गहतोड़ी, अंजु ने माता पिता की सेवा के लिए विवाह तक नहीं किया, जबकि सबसे छोटी बेटी करुणा शिक्षिका है। आज तीनों बहनों ने मां के शव को कंधा देकर चिता को मुखग्नि दी। तीनों बहनों ने पूर्व में अपने पिता का भी ऐसे ही अंतिम संस्कार व क्रिया कर्म किया था। हरिप्रिया की अंतिम शव यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेकर उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दी। वही ऋसेश्वर घाट में उनके जमाई कमलेश भट्ट व तीनों बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, सीएमओ डॉ. देवेश चौहान, ब्लॉक प्रमुख नेहा ढेक, विनीता फर्तयाल, सुमन लता, रेखा देवी, एनआरआई राज भट्ट, राज्य आंदोलनकारी नवीन मुरारी, राजू गरकोटी, सतीश चंद्र पांडे, सचिन जोशी, गोविंद बोरा, सीबी ओली, बल्लू महरा आदि ने शोक जताया है। 

जाते-जाते दृष्टिहीनों को संसार दिखा गई हरिप्रिया
तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता व सामाजिक कार्यकर्ता रीता गहतोड़ी की माता हरिप्रिया गहतोड़ी 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। संसार से विदा होते समय वह अपनी दोनों आंखें उन लोगों के लिए दान कर गईं, जिनके लिए ईश्वर की सृष्टि कल्पना मात्र थी। यह जिले की पहली महिला थी जिनके शवदाह से पहले उनकी इच्छा अनुसार दोनों आँखें उपजिला चिकित्सालय के नेत्र सर्जन विराज राठी ने निकाली ं जिन्हें रुद्रपुर से आए महाराजा अग्रसेन ग्लोबल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित मित्तल नेत्रदान केंद्र को दी। जिनके दो प्रतिनिधि मनीष रावत व एसके मिश्रा डॉक्टर राठी की पहल पर यहां पहुंच गए थे।


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