जयंती स्पेशल:भारत की पहली महिला टीचर थी सावित्री बाई फुले!9 साल की उम्र में शादी,घर पर ली शिक्षा,लड़कियों के लिए खोला पहला भारतीय स्कूल!इतिहास में दर्ज है फुले के गोल्डन वर्क्स की कहानी
3/1/2023
आज साल के पहले महीने का तीसरा दिन है आज ही के दिन 3 जनवरी को भारत की पहली महिला टीचर समाज सेविका रही सावित्री बाई फुले की जयंती है। सावित्री बाई फुले समाज सुधारक और महिला सशक्तिकरण की नींव रखने के लिए जानी जाती ह। उन्होंने 19वी शताब्दी में पुणे के समाज मे फैली हुई दमनकारी सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर समानता की अलख जगाई थी।एक महिला होने के बावजूद उनके समाज के प्रति योगदान,तर्कसंगतता, और मानवीय योगदान को इतिहास कभी नही भूल सकता।
उनका जन्म 03 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र (नायगांव - सतारा) में हुआ था। वह अपने परिवार में सबसे छोटी थीं। उनके तीन भाई-बहन थे। वह माली समुदाय से थीं, जो आज अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के अंतर्गत आता है। सावित्रीबाई फुले की शादी ज्योतिराव फुले से 1940 में नौ साल की उम्र में ही हो गई थी. शादी के बाद वह ज्योतिराव के साथ नायगांव से पुणे चली गई थीं. सावित्रीबाई फुले को पढ़ने का काफी शौक था. इसे देखते हुए उनके पति ने पढ़ना-लिखना सिखाया,उनके पति ज्योतिराव फुले ने उन्हें घर पर शिक्षित करने की जिम्मेदारी ली।इसके बाद उन्होंने अहमदनगर और पुणे में शिक्षक बनने की ट्रेनिंग भी ली. वह 1847 में चौथी की परीक्षा पास करके एक योग्य शिक्षका बनीं।उन्होंने महाराष्ट्र, विशेष रूप से पुणे में व्याप्त असमानता, पितृसत्ता और सामाजिक उत्पीड़न से लड़ने के लिए काम किया।
1848 में फुले और उनके पति ने ब्रिटिश शासन के दौरान पुणे के भिडे वाडा में लड़कियों के लिए पहला भारतीय स्कूल शुरू किया। स्कूल में शुरू में सिर्फ नौ लड़कियां थीं। धीरे-धीरे संख्या बढ़कर 25 हो गई। उनके स्कूल में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम में वेद और शास्त्र जैसे ब्राह्मणवादी ग्रंथों के बजाय गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन शामिल थे। इसके बाद दंपति ने 1851 तक शहर में तीन और स्कूल शुरू किए। ज्योतिराव फुले के साथ उन्होंने लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले थे। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1852 में महिला सेवा मंडल खोला। ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर उन्होंने गर्भवती बलात्कार पीड़ितों के लिए एक देखभाल केंद्र खोला। केंद्र को 'बालहत्या प्रतिभाबंधक गृह' कहा जाता था। पुणे में नेटिव फीमेल स्कूल और द सोसाइटी फॉर द एजुकेशन ऑफ द एजुकेशन ऑफ महार, मांग और वगैरह, सावित्रीबाई फुले द्वारा 1850 के दशक में ज्योतिराव फुले के साथ खोले गए दो शैक्षिक ट्रस्ट थे।