• Home
  • News
  • Project officer of Karnal fined Rs 1000, commission strict on pending cases

करनाल की परियोजना अधिकारी पर 1000 रुपये का जुर्माना, लंबित प्रकरणों पर आयोग सख्त

  • Tapas Vishwas
  • September 10, 2025
Project officer of Karnal fined Rs 1000, commission strict on pending cases

चंडीगढ़। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने करनाल जिले की महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, निसिंग पर लापरवाही बरतने के लिए सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने एक शिकायत के आधार पर निर्णय सुनाया, जिसमें कहा गया था कि अधिकारी ने आवेदन को संसाधित करने और जिला कार्यक्रम अधिकारी को अग्रेषित करने में अनुचित विलंब किया। इस देरी के कारण शिकायतकर्ता को निर्धारित समयसीमा के भीतर लाभ नहीं मिल सका। आयोग ने अधिकारी पर एक हजार रुपये का सांकेतिक जुर्माना लगाया है, जिसे उनके वेतन से काटकर राज्य कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि निसिंग की परियोजना अधिकारी ने आवेदन को समय पर निपटाने के बजाय देरी से जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजा। तथ्यों की समीक्षा के बाद आयोग ने इस विलंब के लिए परियोजना अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया, जबकि जिला कार्यक्रम अधिकारी, करनाल को इस मामले में दोषमुक्त पाया गया। परियोजना अधिकारी द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण अस्वीकार्य माना गया, जिसके चलते उन पर जुर्माना लगाया गया। आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी, करनाल को निर्देश दिए हैं कि जिले में लंबित सभी प्रकरणों का निस्तारण तत्काल प्रभाव से किया जाए। इसके लिए 6 अक्टूबर 2025 तक एक प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया है, जिसमें यह पुष्टि हो कि 30 जून 2025 से पहले दायर कोई भी मामला लंबित नहीं है। साथ ही, आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि प्रत्येक आवेदन की स्थिति सरल पोर्टल पर रियल टाइम में अपडेट की जाए। इससे आवेदकों को अपने मामलों की प्रगति की जानकारी मिल सकेगी और अनावश्यक अपीलों से बचा जा सकेगा। आयोग ने जिला स्तर पर लंबित मामलों की समीक्षा के लिए एक मजबूत आंतरिक निगरानी तंत्र स्थापित करने के भी निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को सेवा का अधिकार (आरटीएस) मानकों का सख्ती से पालन करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। यह कदम यह दर्शाता है कि आयोग प्रशासनिक लापरवाही और देरी के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। इस निर्णय से न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद है, बल्कि आम नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। आयोग का यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सरकारी सेवाओं में विश्वास को और मजबूत करेगा।


संबंधित आलेख: