न्यूजीलैंड:जेसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद क्रिस हिपकिंस ने ली प्रधानमंत्री के रूप में ली शपथ!
न्यूजीलैंड में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अब नए प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस बन गए है। पिछले सप्ताह निवर्तमान प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे के बाद बुधवार को एक औपचारिक समारोह में क्रिस हिपकिंस ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
लेबर पार्टी ने रविवार को पार्टी और देश का नेतृत्व करने के लिए 44 वर्षीय हिपकिंस को चुना। यह 42 वर्षीय अर्डर्न के आश्चर्यजनक इस्तीफे के बाद आया है, जिन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व करने के लिए उनके पास "टैंक में और नहीं" था।
प्रधानमंत्री बनने के बाद हिपकिंस आठ महीने से कम समय तक पद संभालेंगे। इसके बाद देश में आम चुनाव होगा। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के अनुसार, लेबर पार्टी की स्थिति मुख्य प्रतिद्वंद्वी 'नेशनल पार्टी' से बेहतर है। हिपकिंस कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान इस संकट के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाकर लोगों की नजरों में छाए थे, लेकिन सरकार में सबसे अधिक ध्यान अर्डर्न ने ही आकर्षित किया था।
वह नेतृत्व की अपनी नई शैली के कारण वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनीं। मात्र 37 साल में प्रधानमंत्री बनने वाली अर्डर्न की न्यूजीलैंड में हुई गोलीबारी की अब तक की सबसे भयंकर घटना और महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में प्रशंसा की गई, लेकिन देश में वह काफी राजनीतिक दबाव का सामना कर रही थीं। उन्होंने कुछ ऐसी चुनौतियों को झेला, जिनका न्यूजीलैंड के नेताओं ने पूर्व में अनुभव नहीं किया था।महिला होने के कारण उनके खिलाफ कई ऑनलाइन टिप्पणियां की गईं और धमकियां दी गईं। अर्डर्न ने नम आंखों के साथ बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी का दिन बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा। उन्होंने कहा, "मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।"
अर्डर्न ने घोषणा की कि न्यूजीलैंड में अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी। शिक्षा विभाग संभालने के अलावा हिपकिंस पुलिस एवं सार्वजनिक सेवा मंत्री और सदन के नेता भी रहे। उन्हें एक राजनीतिक संकटमोचक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अन्य सांसदों द्वारा पैदा की गई समस्याओं को दूर करने में कई बार अहम भूमिका निभाई है।