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बड़ी खबरः महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव! एक मंच पर आकर गरजे उद्धव और राज ठाकरे, बोले- हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं

  • Awaaz Desk
  • July 05, 2025
Big news: Big change in Maharashtra politics! Uddhav and Raj Thackeray roared on one stage, said- Hindi imposition will not be tolerated

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में आज शनिवार को उस समय एक बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने मुंबई में एक विशाल रैली की। इस दौरान अपने चचेरे भाई राज से 18 साल बाद फिर से मिलने के बारे में उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं... हम मराठी की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हम एक साथ हैं, ये महत्वपूर्ण है। उद्धव ने कहा कि जब से हमने इस कार्यक्रम के बारे में घोषणा की थी, तब से सभी को आज हमारे भाषण का बेसब्री से इंतज़ार था, लेकिन मेरे हिसाब से हम दोनों का एक साथ आना और यह मंच हमारे भाषणों से ज़्यादा महत्वपूर्ण था। राज ठाकरे ने पहले ही बहुत बढ़िया भाषण दिया है, और मुझे लगता है कि अब मुझे बोलने की ज़रूरत नहीं है। उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर गरजते हुए कहा कि हिंदू और हिंदुस्थान स्वीकार्य हैं, लेकिन हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपकी सात पीढ़ियां बर्बाद हो जाएं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

उद्धव ठाकरे ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदुत्व एकाधिकार नहीं है। हम सबसे गहरी जड़ों वाले हिंदू हैं। आपको हमें हिंदू धर्म सिखाने की जरूरत नहीं है। 1992 में मुंबई में हुए दंगों में मराठी लोगों ने ही हिंदुओं को बचाया था। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाथ मिलाते हुए संयुक्त विजय सभा ‘आवाज मराठीचा’ का आयोजन किया, जिसमें राज्य के स्कूलों में कक्षा 1 से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने संबंधी सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाया गया। इससे पहले राज ने सभा को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला किया और कहा कि बाद में उन्होंने वह हासिल किया जो बालासाहेब नहीं कर सके, उन्होंने उद्धव के साथ अपने पुनर्मिलन की ओर इशारा किया। राज ठाकरे ने कहा कि आज बीस साल बाद उद्धव और मैं एक मंच पर एक साथ आ रहे हैं, कुछ ऐसा जो बालासाहेब हासिल नहीं कर सके, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने संभव बनाया है। राज ठाकरे ने कहा कि मुझे हिंदी से कोई शिकायत नहीं है, कोई भी भाषा बुरी नहीं होती। भाषा को बनाने में बहुत मेहनत लगती है। मराठा साम्राज्य के दौरान हम मराठी लोगों ने कई राज्यों पर राज किया, लेकिन हमने उन हिस्सों पर मराठी कभी नहीं थोपी। उन्होंने हम पर हिंदी थोपने का प्रयोग शुरू किया और यह परखने की कोशिश की कि अगर हम इसका विरोध नहीं करेंगे तो वे मुंबई को महाराष्ट्र से अलग कर देंगे। 


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