डेंगू भी नहीं तोड़ सका उत्तराखंड की प्रतिभा का मनोबल! वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में किया कमाल, जीता कांस्य पदक
उत्तराखंड की पहली महिला बॉडीबिल्डर प्रतिभा थपलियाल लगातार फलक पर चमक रही हैं। इस बार भी प्रतिभा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक हासिल कर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। प्रतिभा ने यह पदक हाल ही में साउथ कोरिया में जीता। खास बात ये रही है कि इस चैंपियनशिप से पहले डेंगू की वजह से प्रतिभा के प्लेटलेट्स 17 हजार तक पहुंच गए थे। लेकिन प्रतिभा ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को चैंपियनशिप के लिए तैयार किया। अब प्रतिभा साउथ कोरिया से कांस्य पदक लेकर लौटी हैं।
दरअसल उत्तराखंड की बॉडीबिल्डर प्रतिभा थपलियाल ने हाल ही में यानी 6 नवंबर से 12 नवंबर तक दक्षिण कोरिया में हुए डब्ल्यूबीपी 14वीं विश्व बॉडीबिल्डिंग और फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीता है। प्रतिभा ने यह पदक महिला बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में ओवर 55 किलो वर्ग कैटेगरी में हासिल किया है। इस चैंपियनशिप में प्रतिभा थपलियाल ने तीसरा स्थान पाकर न केवल उत्तराखंड का मान बढ़ाया बल्कि देश का प्रतिनिधि कर बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में मेडल लाने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई। इससे पहले प्रतिभा ने 1 सितंबर से लेकर 6 सितंबर तक नेपाल के काठमांडू आयोजित एशियाई बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में भी तीसरा स्थान पाकर देश के लिए कांस्य पदक जीता था। वहीं इससे पहले इसी साल मार्च महीने में मध्य प्रदेश के रतलाम में आयोजित नेशनल बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इस तरह से प्रतिभा की इस साल की यह बैक टू बैक परफॉर्मेंस है। वहीं बॉडीबिल्डर प्रतिभा थपलियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने किस तरह से प्रतियोगिता में जीत हासिल की और किस तरह की तैयारियां करनी पड़ी? ये सब अनुभव उन्होंने बातचीत में साझा किए। वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल करने वाली प्रतिभा थपलियाल ने बताया कि 6 सितंबर को एशियाई चैंपियनशिप से वापस लौटीं थी। इसके बाद उन्हें डेंगू हो गया था. 9 नवंबर से लेकर 18 नवंबर तक वो डेंगू से पीड़ित रहीं. इतना ही नहीं उनके प्लेटलेट्स गिरकर 17000 तक पहुंच गए थे। इसके ठीक बाद यानी नवंबर में वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी थी। प्रतिभा ने बताया कि डेंगू ने उनकी हालत इतनी खराब कर दी थी कि वो हिम्मत हारने लगी थीं। इतना ही नहीं एक बार तो प्रतिभा ने वर्ल्ड चैंपियनशिप को ड्रॉप करने की सोची, लेकिन उनके पति और उनके कोच समेत उनकी पूरी फेडरेशन ने उनका मनोबल बढ़ाया। सभी ने उन्हें अपनी तैयारी पर ध्यान देने को कहा और इस तरह से उन्होंने मात्र एक महीने की तैयारी में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया और उसमें भी वो जीत कर आईं।