मानसून सत्र: भिवानी शिक्षिका की मौत पर गरमाया हरियाणा विधानसभा, हंगामे के बीच चार बार स्थगित हुई कार्यवाही

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है, लेकिन सत्र के पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला। भिवानी की शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायकों ने सदन में काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। हालात ऐसे बने कि सदन की कार्यवाही अब तक चार बार स्थगित करनी पड़ी।
मनीषा मौत मामले पर कांग्रेस का हंगामा
सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने शिक्षिका मनीषा की मौत का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा दांव पर है और सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। कांग्रेस विधायक स्पीकर की वेल में उतर आए और "बेटी बचाओ" लिखे बैनर लेकर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष ने जोर दिया कि इस मामले पर तुरंत चर्चा कराई जाए। स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कांग्रेस विधायकों से बार-बार अपील की कि वे अपनी सीट पर लौटें, ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके। लेकिन कांग्रेस अपने रुख पर अड़ी रही। नतीजा यह हुआ कि कार्यवाही को एक बार फिर 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
सरकार ने कहा- चर्चा को तैयार
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने भिवानी की बेटी मनीषा मामले पर कहा कि पुलिस ने जांच में त्वरित कार्रवाई की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
साथ ही उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में तो हालात और बदतर थे। कई मामलों में तो एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी।
हुड्डा का पलटवार
मुख्यमंत्री के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ा ऐतराज जताया। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के समय ही हर मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। उन्होंने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन प्रदेश की कानून-व्यवस्था संभालने में नाकाम साबित हो रहा है।
सर्वदलीय बैठक बुलाई गई
लगातार हंगामे और गतिरोध को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, इनेलो विधायक अर्जुन सिंह चौटाला और निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल समेत कई नेता मौजूद रहे। बैठक का उद्देश्य सत्र की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना था। हालांकि, कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जब तक मनीषा मौत मामले पर विस्तृत चर्चा नहीं होगी, तब तक वे शांत बैठने वाले नहीं हैं।
विपक्ष-सरकार आमने-सामने
पहले ही दिन जिस तरह से सदन में हंगामा हुआ, उससे साफ है कि मानसून सत्र बेहद गरम रहने वाला है। जहां सरकार खुद को तैयार बता रही है, वहीं विपक्ष हर मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने के मूड में है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस इस बार सरकार को कठघरे में खड़ा करने की रणनीति बना चुकी है।