उत्तराखण्डः जौनसार-बावर में सामाजिक परिवर्तन की मिसाल! शादियों में न महंगे गिफ्ट, न शराब और न फास्ट फूड, नियम तोड़ने वालों पर लगेगा जुर्माना
देहरादून। उत्तराखण्ड से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। दरअसल यहां देहरादून जिले के जौनसार-बावर इलाके में लोगों ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, 20 नवंबर को खत पट्टी शैली के गांवों के प्रतिनिधि दोहा गांव में एकत्र हुए और बैठक की। इस दौरान बैठक में सदर स्याणा (मुखिया) राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में यह माना गया कि सभी परिवारों को समान अवसर और सम्मान मिले, इसके लिए सामाजिक आयोजनों में अनावश्यक खर्च को सीमित करना जरूरी है। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कहा गया कि अब क्षेत्र के सभी गांवों में होने वाली शादियां तथा अन्य शुभ कार्यक्रम सादगी के साथ किए जाएंगे। विवाह और मांगलिक आयोजनों में महंगे तोहफे लेने-देने पर रोक रहेगी और किसी भी कार्यक्रम में शराब और फास्ट फूड परोसना प्रतिबंधित होगा। वहीं तय किया गया कि इन नियमों का उल्लंघन करने वाले परिवार पर एक लाख रुपये का दंड लगाया जाएगा और गांव के लोग उस परिवार के समारोहों से दूरी बनाएंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि महिलाएं शादी और रयणी भोज (शादीशुदा महिलाओं का भोज) में केवल तीन गहने ही पहन सकेंगी। इसमें नाक में फूली, कान में झुमके, गले में मंगलसूत्र शामिल है। बता दें कि अक्टूबर में कंदाड और इंद्रोली गांवों में भी महिलाओं के आभूषण सीमित करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद 20 नवंबर को खारसी गांव ने इस नियम को स्वीकार किया और अब खत पट्टी शैली के अंतर्गत अन्य गांवों ने भी सामूहिक रूप से इसे विस्तारित कर दिया है।