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मन की बातः पीएम मोदी का बड़ा ऐलान! बोले- नया साल लाएगा ऐतिहासिक पल का तोहफा, देशवासियों से की खास अपील

  • Awaaz Desk
  • December 29, 2024
Mann Ki Baat: PM Modi's big announcement! Said- New Year will bring the gift of a historic moment, made a special appeal to the countrymen

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार को एक बार फिर ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे संविधान के बारे में जानें और उत्साह से उससे जुड़ें। उन्होंने कहा कि 2025 अब दरवाजे पर दस्तक दे रहा है और इस नए साल में हम एक ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। 26 जनवरी 2025 को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। यह हमारे लिए गर्व और उत्साह का अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान, जो हमारे देश के लोकतंत्र की नींव है, समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें ऐसा दस्तावेज दिया, जो हर भारतीय का मार्गदर्शक बना हुआ है। यह संविधान ही है जिसने हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया। यह भारत का संविधान ही है, जिसकी वजह से मैं आज यहां हूं और आपसे बात कर पा रहा हूं। इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर एक साल तक चलने वाली गतिविधियों की शुरुआत की गई है। देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए एक खास वेबसाइट constitution75.com बनाई गई है। इस वेबसाइट पर आप संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं, अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, और अलग-अलग भाषाओं में संविधान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। मेरा विशेष आग्रह है कि स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं इस वेबसाइट पर जरूर जाएं और इसका हिस्सा बनें।

अगले महीने प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। संगम के तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। कुछ ही दिनों पहले जब मैं प्रयागराज गया था, तो हेलिकॉप्टर से कुंभ क्षेत्र का विहंगम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया। इतना विशाल, इतना सुंदर, इतनी भव्यता! महाकुंभ की विशेषता इसकी विविधता में है। करोड़ों लोग एकत्रित होकर इस आयोजन को भव्य बनाते हैं। इसमें लाखों संत, हजारों परंपराएं, और सैकड़ों संप्रदाय हिस्सा लेते हैं। कुंभ में हर व्यक्ति समान होता है, और विविधता में एकता का ऐसा अनुपम उदाहरण दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता। महाकुंभ के इस संदेश को लेकर जब हम वापस लौटें, तो समाज में विभाजन और विद्वेष को समाप्त करने का संकल्प भी लें। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरल धारा की तरह, हमारा समाज भी अविभाज्य और अखंड होना चाहिए। इस बार महाकुंभ में श्रद्धालु डिजिटल महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे। डिजिटल नेविगेशन की मदद से आपको घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक पहुंचने का रास्ता मिलेगा। पहली बार कुंभ में एआई चैटबॉट का प्रयोग होगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में जानकारी देगा। एआई-पावर्ड कैमरों से पूरा कुंभ क्षेत्र कवर किया जाएगा, ताकि यदि कोई व्यक्ति बिछड़ जाए, तो उसे तुरंत खोजा जा सके।

उन्होंने कहा कि सर्दियों के मौसम में देश भर में खेल और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। कश्मीर में स्कीइंग से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक हर जगह खेल का उत्साह है। इसी बीच बस्तर ओलंपिक ने खेल के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। बस्तर, जो कभी माओवादी हिंसा का केंद्र था, अब खेलों के माध्यम से नई पहचान बना रहा है। इसमें लाखों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। यह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि युवाओं के संकल्प और जोश की कहानी है। भारत, जो विविधता और एकता का प्रतीक है, अपनी सांस्कृतिक, भाषाई और खेल की धरोहर के माध्यम से दुनिया को प्रेरित कर रहा है। हमारे देश की यही विशिष्टता हमें गौरवान्वित करती है। तो आइए, इस नए साल में एकता, प्रगति, और समृद्धि का संकल्प लें।


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