उत्तराखण्डः नए साल का जश्न मनाने मिनी स्विटजरलैंड चोपता पहुंच रहे पर्यटक! लाइव स्नोफॉल का उठा रहे लुत्फ, पक्षी प्रेमियों ने भी किया चोपता का रूख
रुद्रप्रयाग। नए साल का जश्न मनाने को लेकर मिनी स्विटजरलैंड चोपता में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहां स्थित टेंट और हट्स की बुकिंग भी फुल हो चुकी है। सैलानी बड़ी संख्या में चोपता-दुगलबिट्टा की वादियों का दीदार कर रहे हैं। पर्यटकों की भीड़ से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। चोपता को पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है और यहां 240 से अधिक प्रजातियों के पक्षी देखे जाते हैं। ऐसे में पक्षी प्रेमी भी बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं। चोपता के बुग्यालों ने बर्फ की मोटी चादर ओढ़ ली है। सैलानी लाइव स्नोफॉल का आनंद ले रहे हैं।
मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से मशहूर चोपता-दुगलबिट्टा में बर्फबारी होने के बाद हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। चोपता से तीन किमी की दूरी पर पैदल ट्रेक से तृतीय केदार तुंगनाथ धाम पहुंचा जाता है। ऐसे में पर्यटक चोपता पहुंचने के साथ ही तुंगनाथ धाम पहुंचकर पैदल ट्रेक कर रहे हैं। चोपता क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण व जैव विविधता संगठनों ने एक महत्वपूर्ण पक्षी-दर्शन स्थल के रूप में घोषित किया गया है। यहां कई जंगली जानवर भी पाए जाते हैं। जैसे तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, मोनाल आदि। बर्फबारी होने पर इन दिनों यहां स्नो लेपर्ड भी देखने को मिल रहे हैं।
मिनी स्विट्जरलैंड चोपता को अंग्रेजों की खोज माना जाता है। यहां 1925 में बनाया अंग्रेजों का गेस्ट हाउस आज भी मौजूद है, जिसका संचालन लोनिवि ऊखीमठ कर रहा है। चोपता में बर्फबारी होने के बाद भारी संख्या में सैलानी रूख कर रहे हैं। नये साल से पहले लगातार हो रही बर्फवारी का सैलानी जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। पर्यटक श्रेया, प्रतीक, शशांक पाण्डे, सोनाली, मोनाली, अमृता ने बताया कि चोपता में लाइव बर्फबारी देखकर बहुत खुशी मिल रही है। न्यू ईयर का जश्न मनाने को लेकर यहां पहुंचे हैं। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे सुकून पहले कभी नहीं मिला। मन को शांति की अनुभूति हो रही है। पर्यटकों ने कहा कि चोपता की खूबसूरत वादियों में आकर धरती में स्वर्ग सा अहसास हो रहा है। वहीं पंजाब से आए पक्षी प्रेमी गुरेन्द्र जीत सिंह ने बताया कि चोपता में बर्फबारी हो रही है और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी इन दिनों चोपता दुगलबिट्टा की वादियों में देखी जा रही हैं। इनके संरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।