उत्तराखण्डः नगर निकाय के उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा निर्धारित! इस साल पिछले चुनाव की तुलना में अधिक खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी
देहरादून। उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर अब सरगर्मियां और तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग इस दिशा में लगातार सकारात्मक पहल में जुटा है। प्रदेश के 102 निकायों के लिए अभी तक 30 लाख 58 हजार 299 वोटर पंजीकृत हो चुके हैं। हालांकि नॉमिनेशन के अंतिम तारीख तक नाम में परिवर्तन और वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा जा सकता है। नगर निकाय चुनाव के विभिन्न पदों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा को रिवाइज किया गया है। 2018 में खर्च की जो सीमा थी उसमें आंतरिक बदलाव किया है। इसके लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई थी और उनके विचार और सुझाव लिए गए थे। नगर प्रमुख नगर निगम मेयर का पद होता है उसके लिए तीन अलग-अलग कैटेगरी रखी है। 40 वार्ड तक का नगर निगम है तो उसमें अधिकतम 20 लाख खर्च है। अगर 41 से 60 वार्ड तक है तो उसमें 25 लाख सीमा रहेगी और 61 से अधिक वार्ड हैं तो उसमें 30 लाख खर्च की सीमा रखी गई है। उपनगर प्रमुख के लिए 2 लाख में रखी गई है। सदस्य नगर निगम के लिए 3 लाख की अधिकतम सीमा रखी गई है। नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 10 वार्ड के लिए 6 लाख। 10 वार्ड से अधिक के लिए के 8 लाख और सदस्य नगर पालिका के लिए 80 हजार खर्च की सीमा रखी गई है। अध्यक्ष नगर पंचायत के लिए 3 लाख अधिकतम सीमा निर्धारित है। सदस्य नगर पंचायत के लिए 50 हजार की अधिकतम सीमा रखी गई है। उन्होंने बताया कि इस बार अब चालान के माध्यम से नामांकन और अन्य प्रक्रिया के धन जमा होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस बार एक्सपेंडिचर मॉनेटरी के लिए एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की तैनाती भी जनपदों में की जा रही है।